
बर्थडे स्पेशल: 'कांतारा' के म्यूजिक से लेकर 'रोजा' के गानों तक, ड्रम्स शिवमणि की जादू भरी ताल ने कैसे बदली भारतीय संगीत की पहचान
Drums Shivamani: आज 1 दिसंबर को अपनी जादुई ताल पर पूरी दुनिया को थिरकाने वाले दिग्गज पर्कशनिस्ट अनंतकृष्णन शिवमणि का जन्मदिन है। साल 1959 में चेन्नई में जन्मे शिवमणि को संगीत की दुनिया आज सिर्फ एक ही नाम से जानती है—’ड्रम्स शिवमणि’। जब वह स्टेज पर होते हैं, तो ऐसा महसूस होता है जैसे धरती की हर धड़कन उनके ड्रम, दरबुका, घाटम, या कंजीरा जैसे किसी भी वाद्य यंत्र में समा गई हो।
वह कर्नाटक शास्त्रीय संगीत, अफ्रीकी धुन, रॉक, जैज़ और इलेक्ट्रॉनिक बीट्स को मिलाकर ऐसा फ्यूजन म्यूजिक तैयार करते हैं, जिसे सुनकर हर कोई झूमने पर मजबूर हो जाता है। शिवमणि का संगीत सिर्फ ताल-वादन तक सीमित नहीं है, बल्कि वह खुद एआर रहमान समेत तमिल सिनेमा के कई बड़े संगीतकारों के लिए ताल का पर्याय हैं।
आज भले ही शिवमणि के लाइव कॉन्सर्ट में लोग घंटों खड़े होकर तालियाँ बजाते हैं, लेकिन उन्होंने भी करियर की शुरुआत में मुश्किलों का सामना किया। शिवमणि ने एक पुराने इंटरव्यू में अपने करियर का पहला डरावना और मज़ेदार दिन याद किया जब दर्शकों ने उन पर अंडे, बोतल और टमाटर तक फेंके थे।
उन्होंने बताया, “मेरा सबसे पहला जैज़ कॉन्सर्ट ट्रम्पेट वादक फ्रैंक डुबियर के साथ था। स्टूडियो में मेरा ड्रम बजाना सुनकर फ्रैंक ने मुझे अपने बड़े बैंड के साथ लाइव स्टेज पर बुला लिया।”
स्टेज पर जो हुआ, वह चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा, “जैसे ही मैंने 2-4 मिनट बजाना शुरू किया, अचानक दर्शकों ने मुझ पर बोतलें, अंडे और टमाटर फेंकने शुरू कर दिए! लोग चिल्ला रहे थे, ‘ये क्या लाइट म्यूजिक वाला ड्रमर लाए हो?'” उस दिन उन्हें बहुत बुरा लगा, लेकिन वह टूटे नहीं। उन्होंने सोचा कि लोगों को नापसंद हो रहा है तो कुछ कमी है, और उसी दिन से उन्होंने और ज़्यादा रियाज़ किया।
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शिवमणि बॉलीवुड में भी अपने जादू का जलवा बिखेर चुके हैं। उन्होंने ‘रोजा’, ‘ताल’, ‘लगान’, ‘दिल से’, ‘रंग दे बसंती‘, ‘गुरु’ और ‘काबुल एक्सप्रेस’ जैसी सफल फिल्मों के कई आइकॉनिक गानों में ड्रम और ताल का वादन किया है। एआर रहमान से लेकर तमिल सिनेमा के दिग्गज संगीतकार तक, हर कोई उनकी ताल का दीवाना है।
उनका जलवा क्रिकेट के मैदान पर भी दिखता है। वह चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के मैचों में अपनी धुन बजाते हैं, जिस पर पूरा स्टेडियम झूम उठता है। साल 2008 और 2010 की आईपीएल ट्रॉफी जीत के जश्न में भी उनकी ताल गूंजी थी।
ड्रम्स शिवमणि अपने खुद के सुपर बैंड्स के साथ दुनिया भर में परफॉर्म करते हैं:
एशिया इलेक्ट्रिक (Asia Electric): इस बैंड में उनके साथ गिटारिस्ट नीलाध्री कुमार, जैज़ लीजेंड लुईस बैंक्स और बेस आर्टिस्ट रवि चारी शामिल हैं।
सिल्क एंड श्राडा (Silk and Shraada): इस बैंड के माध्यम से भी वह वैश्विक संगीत को एक साथ पिरोते हैं।
शिवमणि ने साल 1986 में तेलुगू फिल्म ‘पदमति संध्या रागम’ में एक्टिंग भी की, लेकिन उनका असली ठिकाना हमेशा थिएटर स्टेज और स्टूडियो रहा है। भारत सरकार ने साल 2019 में उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया था।






