डोनाल्ड ट्रंप फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
वांशिगटनः डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन हश मनी केस बिल्कुल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। न्यूयॉर्क कोर्ट के जज ने इस मामले को लेकर 10 जनवरी को सजा सुनाने का ऐलान किया था। ट्रंप ने इस सजा को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी एक भी नहीं सुनी और अपील खारिज कर दी। अब ट्रंप को इस केस में सजा का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसमें उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। यह अपील हश मनी केस से जुड़ी थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ट्रंप की अपील को खारिज कर दिया। ट्रंप ने तर्क दिया था कि उन्हें सजा पर स्वत: रोक लगाने का अधिकार है। लेकिन, जज ने इस अपील को 5-4 के फैसले से अस्वीकार कर दिया। अब यह मामला ट्रंप के लिए बड़ी कानूनी चुनौती बन गया है।
न्यायाधीश मर्चेन ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को मई में 34 मामलों में दोषी ठहराया था। इनमें से एक मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि ट्रंप ने एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे दिए थे ताकि वह उनके साथ यौन संबंध बनाने के अपने दावे को न बताए। जानकारी के अनुसार, ट्रंप पर एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1 लाख 30 हजार डॉलर देने का आरोप दर्ज है।
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हालांकि इस मामले को लेकर ट्रंप का कहना है कि डेनियल्स का दावा झूठा है और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। मामले में न्यायाधीश ने कहा है कि वह ट्रंप को जेल, जुर्माना या पैरोल नहीं देंगे।
जज जुआन मर्चन ने 10 जनवरी को ट्रंप को सजा सुनाने का दिन तय किया है। हालांकि, जज ने पहले ही यह संकेत दे दिया है कि ट्रंप को जेल नहीं भेजा जाएगा और न ही उन पर कोई जुर्माना या प्रोबेशन लगाया जाएगा।
ट्रंप के वकीलों ने 8 जनवरी को एक आपातकालीन प्रस्ताव (EMERGENCY MOTION) कोर्ट में पेश किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति बनने से पहले ट्रंप पर अपराध की सजा थोपना नाइंसाफी होगी और यह सरकार के कामकाज में दखलअंदाजी करेगा। इसके साथ ही, उन्होंने मांग की थी कि ट्रंप की सजा का ऐलान करने में देरी की जाए।
इधर ट्रंप के वकील, डी. जॉन सॉयर, ने एक अलग आपराधिक मामले में भी अपनी दलील दी। इस मामले में उन पर आरोप है कि उन्होंने 2020 के चुनाव के नतीजों को बदलने की कोशिश की थी।