
डोनाल्ड ट्रंप, शी जिनपिंग (सोर्स- सोशल मीडिया)
Trump- Xi Jinping Meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एक बयान में कहा कि वह चाहते हैं कि चीन रूस के मामलों में अमेरिका की मदद करे। मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि, मैं चाहूंगा कि चीन रूस के मामले में हमारी मदद करे। मुझे उम्मीद है कि चीन हमारी भूमिका को समझे और इस मुद्दे पर सहयोग करे।
ट्रंप का यह बयान खासतौर पर उस वक्त आया जब अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने हाल ही में रूस पर नए आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं। डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही पांच दिवसीय एशिया दौरे पर रवाना होने वाले हैं। इस दौरे में मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं।
यह ट्रंप का अब तक का सबसे लंबा विदेशी दौरा होगा। ट्रंप 26 अक्टूबर को कुआलालंपुर में शुरू हो रहे आसियान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जो दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। इसके बाद वह 29 अक्टूबर से दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे।
ट्रंप के एशिया दौरे के दौरान उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी होगी। दोनों नेताओं के बीच व्यापार वार्ता और अमेरिका-चीन तनाव पर चर्चा होने की उम्मीद है। ट्रंप ने कहा कि वह ताइवान और हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक नेता जिमी लाई की रिहाई जैसे मुद्दों पर शी जिनपिंग के साथ बातचीत करेंगे। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वह ताइवान के मुद्दे पर चर्चा करेंगे, हालांकि वह वहां नहीं जाएंगे। उन्होंने ताइवान के लिए अपना सम्मान भी व्यक्त किया।
ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो जिमी लाई का मुद्दा भी चीनी राष्ट्रपति के सामने उठाएंगे। जिमी लाई हांगकांग के प्रसिद्ध “एप्पल डेली” अखबार के संस्थापक रहे थे, बीजिंग द्वारा लागू किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के तहत जेल में बंद हैं। ट्रंप ने कहा कि वह शी जिनपिंग के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
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जिमी लाई को ताइवान और हांगकांग के लोकतंत्र के पक्ष में अपने विचार रखने के कारण जेल में डाला गया है। अगर ट्रंप ऐसा करते हैं कि तो इससे असहजता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है क्योंकि दोनों ही मुद्दों पर चीन किसी भी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप पसंद नहीं करता।






