
MS सुब्बुलक्ष्मी ने गांधी जी की सिफारिश से गाया पहला हिन्दी भजन
MS Subbulakshmi Gandhi Recommendation: भारत रत्न से सम्मानित एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी भारतीय संगीत जगत का ऐसा नाम हैं, जिनकी आवाज़ आज भी भक्ति और शांति का अहसास कराती है। 11 दिसंबर 2004 को 88 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह देने वाली सुब्बुलक्ष्मी कर्नाटक संगीत की सबसे प्रतिष्ठित हस्तियों में से एक रहीं। वह पहली भारतीय थीं जिन्हें मैग्सेसे अवॉर्ड मिला। उनके सुरों की गूंज ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध किया।
सुब्बुलक्ष्मी का जन्म 16 सितंबर 1916 को मदुरै में एक संगीतमय परिवार में हुआ। उनकी मां शिवगामी अम्मल स्वयं एक प्रसिद्ध वीणावादिनी थीं। संगीत का माहौल कुछ ऐसा था कि सुब्बुलक्ष्मी ने 8 साल की उम्र से औपचारिक तौर पर कर्नाटक संगीत सीखना शुरू किया। सिर्फ 10 साल की उम्र में उनका पहला भक्ति एलबम रिलीज हुआ, जिसने उन्हें दक्षिण भारत में एक उभरती हुई बाल कलाकार के रूप में पहचान दिलाई।
सुब्बुलक्ष्मी ने कर्नाटक संगीत की शिक्षा एस श्रीनिवास अय्यर से और हिंदुस्तानी संगीत की शिक्षा पंडित नारायण राव व्यास से ली। संगीत में उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मद्रास म्यूजिक अकैडमी जैसे प्रतिष्ठित मंच पर उन्हें कम उम्र में ही मौका मिल गया। 1936 में उनकी मुलाकात स्वतंत्रता सेनानी टी. सदाशिवम से हुई। सदाशिवम अपनी पहली पत्नी के निधन के बाद 1940 में सुब्बुलक्ष्मी से विवाह बंधन में बंधे। कहा जाता है कि सुब्बुलक्ष्मी के करियर को नई दिशा देने में सदाशिवम की बड़ी भूमिका रही।
बहुत कम लोग जानते हैं कि एमएस सुब्बुलक्ष्मी ने तमिल फिल्मों में अभिनय भी किया। 1938 में आई सेवासदनम उनकी पहली फिल्म थी। इसके बाद मीरा में उन्होंने मीराबाई की भूमिका निभाई, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपार लोकप्रियता दिलाई। हालांकि बाद में उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और पूरी तरह गायन पर ध्यान केंद्रित किया।
एमएस सुब्बुलक्ष्मी के करियर से जुड़ी सबसे दिलचस्प घटनाओं में से एक गांधी जी वाला किस्सा है। 1940 में एक समारोह में ‘हरि तुम हरो जन की पीर’ भजन गाया जाना था। सुब्बुलक्ष्मी को हिन्दी का उच्चारण सही न आने के कारण गाने में झिझक थी। उन्होंने मना भी किया, लेकिन गांधी जी ने कहा कि अगर आप केवल पढ़ देंगी, तो भी यह और सुरीला हो जाएगा। इस अनुरोध को वह ठुकरा न सकीं और भजन गाकर सभी का दिल जीत लिया।






