
राहुल गांधी ने PM मोदी, अमित शाह संग की 90 मिनट तक बैठक
Rahul Gandhi News: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की स्वतंत्रता को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए, राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। इसके एक दिन बाद, वह लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ लगभग डेढ़ घंटे की बैठक में शामिल हुए। बैठक का मुख्य विषय मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और अन्य संवैधानिक पदों पर हुई नियुक्तियों पर चर्चा था।
बैठक के दौरान राहुल गांधी ने इन नियुक्तियों से संबंधित अपनी असहमति का पत्र पेश किया। उनका यह पत्र सिर्फ प्रक्रियात्मक मुद्दों तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने इन उच्चस्तरीय पदों में सामाजिक न्याय और समानुपातिक प्रतिनिधित्व के मुद्दे को भी उठाया। राहुल गांधी ने पिछड़े वर्गों, दलितों, ओबीसी, आदिवासियों और अल्पसंख्यक समुदायों का इन नियुक्तियों से व्यवस्थित बहिष्कार करने का आरोप लगाया और इस स्थिति को सुधारने की आवश्यकता पर बल दिया।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने यह भी बताया कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी को इन प्रमुख संस्थाओं में प्रतिनिधित्व से बाहर रखा जा रहा है, और यह स्थिति संवैधानिक और स्वायत्त संस्थाओं में नियुक्तियों के स्थिर पैटर्न के रूप में स्थापित हो गई है। राहुल गांधी ने इन नियुक्तियों में जातिगत संरचना को पारदर्शी बनाने की भी मांग की ताकि असमानताएं स्पष्ट हो सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने स्वीकार किया कि इन पदों पर आए आवेदनों में दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व केवल सात प्रतिशत से भी कम था। और यह भी चौंकाने वाली बात थी कि शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों में सिर्फ एक ही दलित था।
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इसके बाद, सरकार की इस स्वीकारोक्ति ने राहुल गांधी के दावों को और भी मजबूती दी। हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि नियुक्ति समितियों में सरकार के बहुमत और वीटो शक्ति के कारण राहुल गांधी के सुझावों का वास्तविक निर्णयों पर कितना असर पड़ेगा, यह एक सवाल है।






