
नोबेल विजेता माचाडो ने भारत से मांगी मदद (फोटो- सोशल मीडिया)
Nobel Peace Prize 2025 Winner Maria Corina Machado: वेनेजुएला में लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष कर रहीं 2025 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरीना माचाडो ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। पिछले 15 महीनों से छिपी माचाडो ने एक गुप्त ठिकाने से बोलते हुए, भारत को “महान लोकतंत्र” और “दुनिया के लिए एक उदाहरण” बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करने की इच्छा जताते हुए कहा कि जब वेनेजुएला आजाद होगा, तब भारत एक “महान सहयोगी” बन सकता है।
टाइम्स नाउ को दिए एक इंटरव्यू में माचाडो ने 2024 के वेनेजुएला राष्ट्रपति चुनावों पर खुलकर बात की। उन्होंने दावा किया कि 28 जुलाई 2024 को विपक्ष ने भारी बहुमत से चुनाव जीता था। उन्हें (माचाडो को) चुनाव लड़ने से रोक दिया गया, जिसके बाद एक अन्य ईमानदार राजनयिक ने उनकी जगह ली और 70% वोट से जीत दर्ज की। माचाडो ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने सत्ता छोड़ने के बजाय “इतिहास की सबसे भीषण दमन लहर” शुरू कर दी, जिसमें हजारों निर्दोष लोग गायब हो गए।
माचाडो ने भारत के प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त करते हुए कहा, “मैं भारत की दिल से प्रशंसा करती हूं।” उन्होंने बताया कि उनकी बेटी कुछ महीने पहले भारत आई थी और उसे देश बेहद पसंद आया, हालांकि वह खुद कभी नहीं आ पाई हैं। मारिया ने कहा कि वह भारतीय राजनीति को भी करीब से फॉलो करती हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्हें महात्मा गांधी के अहिंसक संघर्ष से प्रेरणा मिलती है। मारिया कोरीना माचाडो ने कहा, “गांधी जी ने पूरी मानवता को सिखाया कि अहिंसा में कितनी ताकत होती है और शांतिपूर्ण होना कमजोरी नहीं है।”
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माचाडो ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को “लोकतंत्र की लड़ाई में मुख्य सहयोगी” बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि मादुरो अपराधी हैं और अब अमेरिका, लैटिन अमेरिका, यूरोप और उम्मीद है एशिया के देशों के सहयोग से, मादुरो समझ रहे हैं कि उनका समय खत्म हो गया है। माचाडो ने स्वतंत्र वेनेजुएला में भारत के लिए निवेश के बड़े अवसरों की भी बात की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा, अवसंरचना और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के लिए विशाल संभावनाएं होंगी। उन्होंने कहा, “हमें भारत की आवाज की जरूरत है।”






