श्रीलंका में बाढ़, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Sri Lanka Disaster News: श्रीलंका इन दिनों प्रकृति के सबसे बड़े संकटों में से एक का सामना कर रहा है। दितवाह तूफान की मार और उसके बाद आई भीषण बाढ़ ने पूरे देश में तबाही मचा दी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 334 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 366 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। देश के कई हिस्सों में हजारों परिवारों के घर बह गए हैं और लाखों लोग सुरक्षित जगहों पर आश्रय लेने को मजबूर हैं।
इसी बीच, श्रीलंकाई अधिकारियों ने बाढ़ का पानी कम होने के बाद उत्पन्न होने वाले स्वास्थ्य संकट पर गंभीर चिंता जताई है। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि जमा हुआ पानी, कीचड़ और गंदगी संक्रमण फैलाने वाली बीमारियों जैसे डायरिया, लेप्टोस्पायरोसिस, त्वचा रोग और मच्छरजनित रोगों को बढ़ावा दे सकते हैं।
नेशनल डिजास्टर रिलीफ सर्विसेज सेंटर के सहायक सचिव जयतिस्सा मुनासिंघे ने बताया कि सरकार ने प्रत्येक विभागीय सचिवालय को 50 मिलियन श्रीलंकाई रुपये जारी किए हैं ताकि प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि राहत को लेकर किसी भी तरह की प्रशासनिक देरी न हो, इसके लिए फंड जारी करने की प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि सूखे राशन के लिए पहले जारी किए गए फंड के साथ-साथ अब पैक्ड ड्राई फ़ूड भी सीधे बांटने की मंजूरी दे दी गई है ताकि दिक्कत में फंसे परिवारों को समय पर भोजन मिल सके।
डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि खराब मौसम और तूफान की तबाही से देश का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है। कई क्षेत्रों में सड़कें बह गई हैं, पुल टूट गए हैं और बिजली व जल आपूर्ति ठप है।
तूफान के बाद राहत और बचाव कार्यों में भारत पहले ही मदद पहुंचा चुका है और अब चीन ने भी हाथ बढ़ाया है। श्रीलंका में चीनी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि चीनी रेड क्रॉस सोसाइटी ने 100,000 अमेरिकी डॉलर की तत्काल राहत राशि भेजी है।
इसके अलावा श्रीलंका में मौजूद चीनी व्यापारिक समूहों, ओवरसीज चाइनीज एसोसिएशन और चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मिलकर 10 मिलियन श्रीलंकाई रुपये (लगभग 32,500 USD) जुटाए हैं। चीनी दूतावास का कहना है कि जरूरत पड़ने पर यह सहायता और बढ़ाई जाएगी।
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अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतर रहा है, लेकिन यही चरण सबसे खतरनाक होता है क्योंकि संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरे देश में मेडिकल टीम और मोबाइल हेल्थ यूनिट तैनात कर दी हैं। संकट की इस घड़ी में श्रीलंका को न सिर्फ अपने संसाधनों पर निर्भर रहना है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मदद भी बेहद अहम साबित हो रही है।