
प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
NIA Raids in Kashmir: दिल्ली में हुए आतंकी धमाके के संदर्भ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है। यह छापेमारी लाल किला धमाका (Red Fort blast case) मामले के आरोपियों के रिहायशी घरों को भी कवर कर रही है। यह कार्रवाई तब की गई है जब हाल ही में एक अंतर्राज्यीय “व्हाइट-कॉलर” आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ था। इस मॉड्यूल से जुड़े लोगों के पास से, खासकर हरियाणा के फरीदाबाद से, अमोनियम नाइट्रेट समेत लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुआ था।
इससे पहले, दिल्ली में 10 नवंबर को हुए धमाके और “व्हाइट कॉलर” मॉड्यूल से जुड़े हथियारों की बरामदगी के बाद, पुलिस ने पिछले हफ्ते सोमवार को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा और श्रीनगर जिलों में अस्पतालों के लॉकरों का औचक निरीक्षण किया था। NIA की ताजा कार्रवाई घाटी में सक्रिय आतंकवादी तत्वों के नेटवर्क को नष्ट करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
एनआईए ने लगातार छापेमारी की कार्रवाई जारी रखी है। दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े आतंकी मॉड्यूल को पूरी तरह से उजागर करने के लिए अब NIA ने अपनी जांच को कई राज्यों में विस्तारित कर दिया है। शुरुआती सुरागों के आधार पर एजेंसी ने डॉक्टर शाहीन को फरीदाबाद लेकर गई, जहां उनके पुराने नेटवर्क, बैकअप सपोर्ट और संभावित सुरक्षित ठिकानों की गहन जांच की गई। इसके बाद, जांच को आगे बढ़ाते हुए NIA ने लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर, फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर को ‘कोर ज़ोन’ के रूप में चिह्नित किया है। इन क्षेत्रों में उच्च-गति रेड्स, इंटेलिजेंस ऑपरेशंस और स्थानीय स्तर पर नेटवर्क मैपिंग का काम जारी है।
यह भी पढ़ें- दिल्ली ब्लास्ट के बाद भारत को दहलाने की साजिश, पाक हैंडलर ने तैयार किया था 6 हमलों का ब्लूप्रिंट
आपको बता दें कि दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए ब्लास्ट में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। यह धमाका तब हुआ जब कार में सवार आतंकी उमर ने मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के बाहर ट्रैफिक रेड के पास खुद को उड़ा लिया था।






