
नोबेल शांति पुरस्कार लेने नॉर्वे पहुंचीं वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया माचाडो (सोर्स- सोशल मीडिया)
Machado Nobel Prize Escape: वेनेजुएला की राजनीति में लोकतंत्र और स्वतंत्रता की सबसे बुलंद आवाज मारिया कोरीना माचाडो कई महीनों तक छिपने के बाद आखिरकार नॉर्वे पहुंच गई हैं। उन्हें यहां नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, हालांकि ऑपरेशन में देरी के कारण उनकी बेटी ने उनकी जगह पुरस्कार ग्रहण किया।
उनका देश से बाहर निकलना किसी सामान्य सफर से कहीं ज्यादा एक फिल्मी कहानी जैसा था। यह बेहद जोखिम भरा ऑपरेशन अमेरिकी स्पेशल फोर्सेस के पूर्व कर्मियों द्वारा किया गया और अब सवाल है कि क्या वह अपने देश वापस लौट पाएंगी?
माचाडो लगभग एक साल से राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार के डर से छिपकर रह रही थीं, क्योंकि विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारी का खतरा उन पर भी मंडरा रहा था। उन्हें देश से बाहर निकालने का यह जोखिम भरा काम अमेरिकी स्पेशल फोर्सेस में रह चुके ब्रायन स्टर्न की टीम ने किया। उन्होंने बताया कि यह मिशन किसी फिल्म से कम नहीं था। माचाडो को सुरक्षित निकालने के लिए कई गाड़ियां बदली गईं, ताकि कोई उन्हें ट्रैक न कर सके। चेकरपोस्ट से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले रूट से परहेज किया गया।
सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी से बचने के लिए, माचाडो को रात के अंधेरे में एक छोटी नाव से समुद्र के बीच ले जाया गया। स्टर्न ने बताया कि यह सफर सबसे कठिन था। आसमान काला था, तेज हवाएं चल रही थीं और ऊंची लहरें उठ रही थीं। नाव पर कोई लाइट नहीं जलाई गई थी ताकि किसी को उनकी उपस्थिति का पता न चले।
करीब 13-14 घंटे तक समुद्र में संघर्ष करने के बाद, वह एक सुरक्षित स्थान पर पहुंची, जहां से उन्होंने नॉर्वे के लिए उड़ान भरी। माचाडो की बेटी एना कोरीना सोसा ने उनकी ओर से पुरस्कार स्वीकार किया और समारोह में कहा कि उनकी माँ जल्द ही वेनेजुएला लौटना चाहती हैं, क्योंकि उनका संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है।
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माचाडो ने खुद कहा है कि वह नॉर्वे से लौटने के बाद वेनेजुएला वापस जाएंगी और लोकतंत्र की अपनी लड़ाई जारी रखेंगी। हालांकि, उन पर मादुरो सरकार द्वारा गिरफ्तारी का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। ब्रायन स्टर्न ने उन्हें वापस न जाने की सलाह दी, लेकिन माचाडो अपनी जिद पर अड़ी हैं।
उनकी बेटी ने उनकी ओर से संदेश दिया, “आजादी कोई ऐसी चीज नहीं है जिसका हम इंतजार करते हैं, बल्कि यह वह चीज है जो हम हासिल करते हैं।” माचाडो की यह दृढ़ता उन्हें वेनेजुएला की ‘आयरन लेडी’ के रूप में स्थापित करती है, भले ही उनकी वापसी पर उन्हें गंभीर कानूनी परिणामों का सामना क्यों न करना पड़े।






