सुनीता विलियम्स, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहने के बाद, नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर, निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्सांद्र गोरबुनोव सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनके साथ ड्रैगन अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक पृथ्वी की सतह पर उतर चुका है।
अब बात करें सुनीता विलियम्स के परिवार की तो उनके पति माइकल जे विलियम्स टेक्सास में फेडरल मार्शल के रूप में कार्यरत हैं और वे पूर्व में हेलीकॉप्टर पायलट भी रह चुके हैं। 1987 में, जब सुनीता एक हेलीकॉप्टर पायलट थीं, तब उनकी मुलाकात माइकल से हुई, जो बाद में विवाह में बदल गई।
माइकल विलियम्स, जो स्वभाव से शांतचित्त व्यक्ति हैं, सुनीता विलियम्स की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। सितंबर में उन्होंने सुनीता की क्षमताओं पर पूरा विश्वास जताते हुए कहा था कि वह अंतरिक्ष में प्रसन्न हैं। दंपति की अपनी कोई संतान नहीं है, लेकिन वे अहमदाबाद से एक बच्ची को गोद लेने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं।
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साल 1992 की बात है, जब सुनीता और माइकल की पहली मुलाकात हुई। उस समय सुनीता नेवल अकादमी में पढ़ाई कर रही थीं, जबकि माइकल वहां एक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। धीरे-धीरे उनके बीच दोस्ती गहरी हुई, और समय के साथ दोनों ने एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझा। जल्द ही उन्हें महसूस हुआ कि उनका रिश्ता खास है और वे एक-दूसरे के लिए बने हैं।
सुनीता विलियम्स के पिता, दीपक पंड्या, गुजरात के झूलासन गांव से संबंध रखते हैं। उन्होंने 1953 में गुजरात विश्वविद्यालय से इंटरमीडिएट साइंस (आई.एस.) की पढ़ाई पूरी की और 1957 में एम.डी. की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे अमेरिका चले गए, जहां क्लीवलैंड, ओहियो में उन्होंने मेडिसिन में इंटर्नशिप और रेजीडेंसी पूरी की। 1964 में, वे केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के एनाटॉमी विभाग में पोस्टडॉक्टरल फेलो बने और देश के विभिन्न अस्पतालों व शोध केंद्रों में अपनी सेवाएँ दीं।
सुनीता ने अपने पति माइकल के सहयोग और प्रोत्साहन से अंतरिक्ष मिशन पर जाने का निर्णय लिया। माइकल ने हमेशा सुनीता को उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया। 2006 में, सुनीता ने अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा की, जब वे स्पेस शटल डिस्कवरी के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचीं।