
मसूद अजहर बना रहा 'महिला जिहादी ब्रिगेड', फोटो (सो. सोशल मीडिया)
JeM Terror Women Wing: पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अब अपने आतंक अभियान में एक नया और खतरनाक अध्याय जोड़ दिया है। संगठन के सरगना मौलाना मसूद अजहर का 21 मिनट का एक ऑडियो संदेश सामने आया है, जिसमें उसने महिला जिहादी ब्रिगेड ‘जमात-उल-मोमिनात’ की स्थापना की घोषणा की है। यह घोषणा बहावलपुर स्थित मार्कज उस्मान ओ अली से जारी की गई, जहां अजहर ने महिलाओं की भर्ती, प्रशिक्षण और धार्मिक कट्टरता फैलाने का पूरा खाका पेश किया।
मसूद अजहर ने अपने संदेश में बताया कि जैसे जैश के पुरुष आतंकी ‘दौरा-ए-तर्बियत’ नामक 15 दिन के कोर्स से गुजरते हैं, वैसे ही महिलाएं ‘दौरा-ए-तस्किया’ नामक प्रशिक्षण लेंगी। इसके बाद उन्हें ‘दौरा-आयत-उल-निसा’ सिखाया जाएगा, जिसमें इस्लामिक ग्रंथों के आधार पर यह बताया जाएगा कि महिलाएं जिहाद में कैसे भूमिका निभा सकती हैं। अजहर ने दावा किया कि जो महिला जमात-उल-मोमिनात में शामिल होगी, उसे मरने के बाद सीधे जन्नत नसीब होगी।
अजहर के मुताबिक पाकिस्तान के हर जिले में इस महिला विंग की शाखा बनाई जाएगी, जिसकी प्रमुख ‘डिस्ट्रिक्ट मुन्तज़िमा’ कहलाएगी। इन महिला सदस्यों को किसी गैर-महरम पुरुष से फोन या संदेश पर बात करने की सख्त मनाही होगी। संगठन के अनुशासन के तहत महिलाओं को धार्मिक कक्षाओं, ऑनलाइन लेक्चर और गुप्त कम्युनिकेशन नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
जांच रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि मसूद अजहर ने अपनी बहन सादिया अज़हर को महिला विंग की प्रमुख बनाया है। उसकी दो अन्य बहनें समीरा अजहर (उम्मे मसूद) और अफीरा फारूक (जो पुलवामा हमलावर उमर फारूक की विधवा है) भी नेतृत्व में शामिल हैं। इन महिलाओं ने 25 अक्टूबर से ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए भर्ती अभियान शुरू किया है। इनमें 45 ऐसी महिलाएं हैं जिनके पति या रिश्तेदार भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। इन्हें ‘शोबा-ए-दावत’ नामक प्रचार अभियान के तहत नई भर्तियों को प्रेरित करने में लगाया जा रहा है।
अपने संदेश में मसूद अजहर ने कहा कि उसकी बहन हवा बीबी की मौत भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई थी। अजहर के अनुसार, महिला जिहादी विंग का विचार उसी बहन के साथ मिलकर बनाया गया था। उस ऑपरेशन में अजहर के परिवार के 14 सदस्य मारे गए थे, जिनमें यूसुफ अजहर, जमील अहमद, हमजा जमील और हुवैफा अजहर शामिल थे।
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हालांकि पाकिस्तान सरकार औपचारिक रूप से जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों पर प्रतिबंध की बात करती है, लेकिन हकीकत कुछ और बयां करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस्लामाबाद इन आतंकी नेटवर्कों को परोक्ष समर्थन दे रहा है। नई भू-राजनीतिक परिस्थितियों और अंतरराष्ट्रीय दबाव में ढील से पाकिस्तान एक बार फिर आतंक के इस्तेमाल की नीति को आगे बढ़ा रहा है।






