ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
तेहरान: ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका इज़रायल के साथ जारी संघर्ष में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेता है, तो इसका अंजाम “सभी के लिए अत्यंत गंभीर और खतरनाक” हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सैन्य हस्तक्षेप करने की योजना बना रहे हैं, जो “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण” कदम होगा।
ईरानी प्रवक्ता अलीरेजा अराघची ने इस्तांबुल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बयान दिया। वह जिनेवा में हुई वार्ताओं के बाद वापस लौट रहे थे, जिनसे कोई ठोस कूटनीतिक नतीजा नहीं निकला। वार्ता की समाप्ति पर अराघची ने कहा कि ईरान भविष्य में बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि जब तक इज़रायल अपने हमले बंद नहीं करता, तब तक ईरान की अमेरिका के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में हुई चर्चा के दौरान ईरान के विदेश मंत्री होसैन अराघची ने इजरायल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके देश पर अनुचित तरीके से हमला किया गया है और उन पर युद्ध थोपा जा रहा है। उन्होंने यहूदी राज्य को “जायोनी शासन” बताते हुए आरोप लगाया कि वह फिलिस्तीनी नागरिकों के साथ अत्याचार कर रहा है और पड़ोसी देशों की भूमि पर अवैध कब्जा जमाए हुए है। ईरानी मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हुए कहा कि सभी देशों को इजरायल की इन कार्रवाइयों का विरोध करना चाहिए।
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ईरानी अधिकारी अराघची ने चेतावनी दी है कि अमेरिका का सैन्य हस्तक्षेप इस संघर्ष में क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है। यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध में अमेरिकी सेना की संभावित भागीदारी पर चर्चा कर रहे हैं। अराघची ने इस संबंध में कहा, “यह अमेरिका के लिए भी एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला साबित होगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता तभी कायम हो सकती है जब सभी पक्ष कूटनीतिक समाधान को प्रमुखता दें और ऐसे कार्यों से परहेज करें जो संघर्ष को और बढ़ावा देते हों।
(एजेंसी इनपुट के साथ)