
ईरान ने मिसाइल प्रोग्राम पर उठे सवालों को किया खारिज, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Iran Missile Program News: ईरान ने अपने मिसाइल प्रोग्राम को लेकर इजरायली और अमेरिकी मीडिया में चल रही अटकलों और रिपोर्ट्स का कड़ा खंडन किया है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि देश का मिसाइल कार्यक्रम पूरी तरह से रक्षात्मक है और इसका उद्देश्य किसी भी बाहरी हमले से ईरान की सुरक्षा करना है, न कि किसी देश को धमकी देना।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ईरान के रक्षा और मिसाइल कार्यक्रम पर किसी भी तरह की बातचीत नहीं हो सकती। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ईरान का मिसाइल प्रोग्राम अपने देश की अखंडता और सुरक्षा की रक्षा के लिए विकसित किया गया है। यह कोई सौदेबाजी का विषय नहीं है।
मीडिया एजेंसी तस्नीम के अनुसार, बकाई ने अमेरिका और इजरायल की नीति को “खुला पाखंड” करार दिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ ईरान के रक्षा कार्यक्रम को खतरे के रूप में पेश किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इजरायल को लगातार आधुनिक हथियारों की आपूर्ति की जा रही है। बकाई ने इसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में दोहरे मापदंडों का उदाहरण बताया और कहा कि इसके लिए अमेरिका और इजरायल के समर्थकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
ईरानी प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया के जरिए ईरान के खिलाफ जो माहौल बनाया जा रहा है, वह एक तरह का युद्ध है। उनके मुताबिक, यह सूचना युद्ध इजरायली शासन और अमेरिका की ओर से शुरू किया गया है। बकाई ने कहा कि इन दबावों के बावजूद ईरान के सशस्त्र बल और देश की जनता अपने कर्तव्यों पर पूरी तरह केंद्रित रहेंगे।
दरअसल, यह बयान उस समय आया जब एक अमेरिकी ब्रॉडकास्टर एनबीसी की रिपोर्ट के हवाले से ईरान से सवाल किए गए। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इजरायल को इस बात की चिंता है कि ईरान युद्ध के बाद अपने मिसाइल उत्पादन को दोबारा खड़ा करने और उसे विस्तार देने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल इन प्रयासों को रोकने के लिए ईरान पर फिर से सैन्य कार्रवाई कर सकता है।
एनबीसी ने अज्ञात सूत्रों और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह भी दावा किया कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका की प्रस्तावित यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने किसी नए सैन्य अभियान में अमेरिका की भागीदारी का विकल्प रख सकते हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इजरायल अब भी ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है। इजरायल का मानना है कि ये मिसाइलें ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए भी एक अहम आधार हैं जिन्हें वह जून में हुई 12 दिन की लड़ाई के दौरान पूरी तरह खत्म करना चाहता था।
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इसके अलावा, इजरायल ने ट्रंप प्रशासन को जानकारी दी है कि ईरान का इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) मिसाइलों पर केंद्रित सैन्य अभ्यास कर रहा है और उसके निशाने पर इजरायल हो सकता है। हालांकि, ईरान ने इन सभी दावों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया है।






