पाकिस्तान को लोन देने से पहले IMF ने 11 शर्तों थमाईं
इस्लामाबाद/वाशिंगटन डीसी: पाकिस्तान को IMF से राहत की उम्मीद थी लेकिन अब उसे बड़ा झटका लगा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को 2.4 अरब डॉलर की आर्थिक मदद तो दी, लेकिन अब उसने अगली किश्त से पहले 11 नई कड़ी शर्तें थोप दी हैं। इन शर्तों के साथ IMF ने साफ कर दिया है कि अगर पाकिस्तान इनमें से कोई भी शर्त पूरी नहीं करता तो अगला फंड रोका जा सकता है। इसके साथ ही एक सख्त चेतावनी भी दी गई है, जो भारत-पाक संबंधों के मौजूदा हालातों से जुड़ी है।
अब IMF को पाकिस्तान के इरादों पर भरोसा नहीं हो रहा है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव चरम पर था, तभी IMF ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की फंडिंग दी थी। इसके साथ ही उसने क्लाइमेट रेजिलिएंस के नाम पर अतिरिक्त 1.4 अरब डॉलर की मंजूरी भी दे दी। लेकिन इस फैसले को लेकर IMF की काफी आलोचना हुई। अब हालात यह हैं कि IMF खुद अपने फैसले पर सतर्क हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संस्था ने अगली किस्त जारी करने से पहले पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रख दी हैं और चेतावनी दी है कि इनमें ढिलाई हुई तो फंडिंग रोक दी जाएगी।
बजट से लेकर बिजली तक, IMF की नजर हर सेक्टर पर
IMF की शर्तों में सबसे बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान को संसद से 17.6 ट्रिलियन रुपये का बजट पास कराना होगा। इसके साथ ही बिजली बिलों में अतिरिक्त सरचार्ज, गैस टैरिफ की अर्ध-वार्षिक समीक्षा, कैप्टिव पावर पर नया कानून और डेब्ट सर्विस सरचार्ज पर लगी लिमिट को हटाना भी इन शर्तों में शामिल है। सिर्फ यहीं नहीं, स्पेशल टेक जोन और इंडस्ट्रियल पार्क्स के टैक्स लाभ को खत्म करने के लिए भी रोडमैप मांगा गया है। साथ ही कारों के आयात नियमों में बदलाव कर 5 साल पुरानी गाड़ियों की इजाजत देने की बात भी कही गई है।
पाकिस्तान के रक्षा बजट पर भी IMF की कड़ी नजर
IMF को इस बात पर भी आपत्ति है कि पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने हाल ही में 2,500 अरब रुपये का रक्षा बजट तय किया है जो कि पिछले साल की तुलना में 18% ज्यादा है। जबकि IMF चाहता है कि पाकिस्तान का आगामी बजट राजकोषीय संतुलन के अनुसार तैयार हो। रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2025 तक पाकिस्तान को IMF के निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप ही नया बजट पास करना होगा, वरना बेलआउट प्रोग्राम पर असर पड़ सकता है।
भारत-पाक तनाव से डरी IMF, रिपोर्ट में दी चेतावनी
IMF की रिपोर्ट में यह भी साफ कहा गया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव फिर से बढ़ता है तो इससे बेलआउट प्रोग्राम पर सीधा असर पड़ेगा। खासतौर पर पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद IMF को आशंका है कि ऐसी परिस्थितियां उसके कार्यक्रम की आर्थिक, बाहरी और सुधार से जुड़ी योजनाओं को प्रभावित कर सकती हैं।