
डोनाल्ड ट्रंप, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
 
    
 
    
US Immigration Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी कठोर आव्रजन नीति को आगे बढ़ाते हुए शरणार्थियों की संख्या में ऐतिहासिक कटौती की है। ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी नई अधिसूचना के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2026 में अमेरिका अधिकतम 7500 शरणार्थियों को ही प्रवेश देगा। यह संख्या पिछले प्रशासन की तुलना में बेहद कम है राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में यह संख्या प्रति वर्ष 100,000 से अधिक थी।
व्हाइट हाउस की ओर से जारी ज्ञापन में बताया गया है कि इस नई नीति के तहत अधिकतर शरणार्थी दक्षिण अफ्रीका से होंगे विशेषकर वे श्वेत नागरिक जो ‘अवैध या अन्यायपूर्ण भेदभाव’ के शिकार बताए गए हैं। यह निर्णय दक्षिण अफ्रीका की राजनीतिक स्थिति और नस्लीय तनाव से जुड़े मुद्दों के बीच लिया गया है।
ट्रंप की नीति का मुख्य केंद्र अफ्रीकानर्स हैं जिन्हें वे दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव और हिंसा का शिकार बताते हैं। ट्रंप का मानना है कि श्वेत दक्षिण अफ्रीकी खासकर अफ्रीकानर किसान, अश्वेत-बहुल समाज में असुरक्षित हैं। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने इन आरोपों को बार-बार झूठा करार दिया है। इसी तर्क के आधार पर ट्रंप प्रशासन ने फरवरी में दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोकने और अफ्रीकानर परिवारों के लिए एक नया पुनर्वास कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की थी।
इस फैसले के बाद अमेरिका की शरणार्थी नीति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाएं शुरू हो गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीति नस्लीय प्राथमिकता के रूप में देखी जा सकती है। अमेरिकी आव्रजन परिषद के वरिष्ठ फेलो आरोन रीचलिन-मेलनिक के अनुसार, 1980 से अब तक करीब दो मिलियन से अधिक शरणार्थियों को अमेरिका में शरण दी गई है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हमेशा उन लोगों के लिए रहा है जो उत्पीड़न से बचकर सुरक्षा की तलाश में आते हैं, लेकिन अब इसका उपयोग श्वेत आप्रवासियों के लिए एक नए मार्ग के रूप में किया जा रहा है।
फेडरल रजिस्टर में गुरुवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए शरणार्थियों की अधिकतम संख्या घटाकर 7,500 करने का निर्णय लिया है। हालांकि इस कमी के पीछे कोई सीधा कारण नहीं बताया गया है लेकिन नोटिस में यह उल्लेख किया गया कि यह निर्णय मानवीय जरूरतों और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ट्रंप प्रशासन के अनुसार, यह सीमित संख्या मुख्यतः उन अफ्रीकानर दक्षिण अफ्रीकियों और अन्य व्यक्तियों के लिए रखी जाएगी जो अपने देशों में भेदभाव या अन्याय का सामना कर रहे हैं।
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व्हाइट हाउस द्वारा जारी मेमो के अनुसार, 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष में जिन लोगों को शरण दी जाएगी उनमें ज़्यादातर श्वेत दक्षिण अफ्रीकी और अपने देशों में अवैध या अनुचित भेदभाव का सामना करने वाले अन्य व्यक्ति शामिल होंगे। दस्तावेज़ में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रवेश की अधिकांश संख्या दक्षिण अफ्रीका के अफ्रिकन मूल के लोगों के लिए निर्धारित की जाएगी।






