ब्रिटेन में आधार सिस्टम लाने की तैयारी में कीर स्टार्मर (सोर्स- सोशल मीडिया)
India Aadhaar Model in UK: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने हाल ही में भारत दौरे पर आए थे। जहां उन्हें भारत के डिजीटल सिस्टम खासकर आधार कार्ट की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने इस सिस्टम काफी प्रभावशाली बताया था और ब्रिटेन की नई डिजिटल पहचान योजना ब्रिट कार्ड के लिए इसे मॉडल के तौर पर अपनाने पर विचार कर रहे हैं।
आधार भारत का एक डिजिटल पहचान पत्र है, जो हर नागरिक को एक विशिष्ट नंबर के रूप में दिया जाता है। इसमें व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी के साथ-साथ बायोमेट्रिक डेटा जैसे फिंगरप्रिंट और आंखों की स्कैनिंग भी शामिल होती है। इस सिस्टम की मदद से सरकार यह सुनिश्चित कर पाती है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और धोखाधड़ी पर रोक लगे।
ब्रिटेन का डिजिटल आईडी सिस्टम आधार से थोड़ा अलग होगा। उसका मुख्य उद्देश्य अवैध कामगारों पर लगाम लगाना और केवल पात्र लोगों तक सरकारी सेवाएं पहुंचाना है। हालांकि, ब्रिटेन में लोग निजता को लेकर काफी सतर्क हैं और वे नहीं चाहते कि सरकार उन पर जरूरत से ज्यादा निगरानी रखे।
अपनी मुंबई यात्रा के दौरान स्टार्मर ने आधार परियोजना के प्रमुख और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि से मुलाकात की। दोनों के बीच इस बात पर चर्चा हुई कि भारत के अनुभवों से सीखकर ब्रिटेन में एक सुरक्षित और प्रभावी डिजिटल पहचान प्रणाली कैसे विकसित की जा सकती है।
भारत में आधार ने कई सरकारी सेवाओं को डिजिटल और सरल बना दिया है, लेकिन इसके साथ निजता और डेटा सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। इस संदर्भ में, ब्रिटेन सरकार के एक प्रवक्ता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ब्रिट कार्ड योजना में बायोमेट्रिक डेटा शामिल नहीं होगा और डेटा की सुरक्षा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी।
यह भी पढ़ें: सेना को रोक रखा…वरना, पाकिस्तान की कायरना हरकत पर तालिबान का जवाब, कहा- गलती कर रहे शहबाज
स्टार्मर का कहना है कि वे चाहते हैं कि डिजिटल पहचान लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाए जैसे नौकरी पाना, सरकारी सहायता प्राप्त करना आदि। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि ब्रिटेन में अभी लोगों की चिंताएं पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं। इस पूरी पहल से यह साफ है कि भारत का आधार मॉडल अब वैश्विक स्तर पर एक प्रेरणा स्रोत बन चुका है।