
बांग्लादेश हिंसा को लेकर भारत पर झूठे आरोप (सोर्स- सोशल मीडिया)
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बिना किसी जांच के भारत का नाम जोड़ा जा रहा है। इससे यह अपराध राजनीतिक और कूटनीतिक विवाद बन गया। हादी की मौत पर ढाका सहित कई शहरों में हिंसा भड़क उठी। मीडिया दफ्तरों में आग लगा दी गई। भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर के घर पर पत्थरबाजी हुई।
जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारी दावा कर रहे हैं कि हादी के हमलावर भारत भाग गए। लेकिन न तो मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने और न ही छात्र नेताओं ने कोई सबूत दिया। फिर भी हत्या के पीछे भारत का हाथ बताया जा रहा है। इससे चुनाव से पहले माहौल जहरीला हो गया। भारत विरोधी रैलियां हो रही हैं। लगता है कोई अदृश्य ताकत बांग्लादेश को भारत के खिलाफ करना चाहती है।
ढाका में प्रदर्शनकारियों ने भारत पर हमलावरों को पनाह देने का आरोप लगाया। उन्होंने उन्हें वापस भेजने की मांग की। नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) जैसे संगठन शुरू से भारत के खिलाफ बोल रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि हमलावर गोली चलाकर भारत भागे। NCP ने हाई कमीशन बंद करने की मांग की।
नेता सरजिस आलम ने कहा, “भारत हत्यारों को न भेजे तो हाई कमीशन बंद रहे। हम युद्ध में हैं!” इसी हफ्ते ‘जुलाई ओइक्या’ के बैनर तले सैकड़ों लोग हाई कमीशन की ओर मार्च कर शेख हसीना को भारत से लाने की मांग कर रहे थे। 14 दिसंबर को बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने भारतीय हाई कमिश्नर प्रणय वर्मा को बुलाया। हसीना के ‘भड़काऊ बयानों’ पर चिंता जताई।
भारत ने सभी आरोप खारिज किए। कहा कि कट्टरपंथी फर्जी कहानी बना रहे। अंतरिम सरकार ने जांच नहीं की, सबूत नहीं दिए। भारत ने कहा कि यह हिंसा बढ़ाने का खेल है। सूत्रों का कहना है कि बिना जांच के आरोप लगाना रिश्तों को नुकसान पहुंचाता है। भारत ने बांग्लादेशी दूत को तलब कर विरोध जताया। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इससे यूनुस को फायदा होगा।
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नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) को भारत विरोधी माना जाता है। NCP का मानना है कि पाकिस्तान बांग्लादेश का सच्चा दोस्त है, भारत नहीं। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से पाकिस्तान सरकार और फौज बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों को बढ़ावा दे रही है। इसलिए हादी की हत्या के बाद भारत विरोधी हमलों के पीछे पाकिस्तानी फौज की सुनियोजित साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता।






