
सांकेतिक फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Bangladesh Terror Camps: बांग्लादेश में पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क की दोबारा सक्रियता ने भारत और दक्षिण एशिया की सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। खुफिया जानकारी और विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के अलग-अलग हिस्सों में कुल 8 आतंकी ट्रेनिंग कैंप संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से तीन कैंप भारत की सीमा के बेहद नजदीक बताए जा रहे हैं जिससे सीमा पार आतंकवाद का खतरा और गहरा गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कैंपों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान समर्थित नेटवर्क, जमात-ए-इस्लामी और अन्य कट्टरपंथी संगठनों का समर्थन हासिल है। चिट्टागोंग के लालखान इलाके में स्थित एक प्रमुख कैंप का संबंध अंसार अल-इस्लाम और लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस कैंप का संचालन हारुन इजहार और पाकिस्तानी सेना के पूर्व मेजर जिया द्वारा किया जा रहा है। यह इलाका भारत के त्रिपुरा और मिजोरम की सीमा के काफी नजदीक स्थित है।
ढाका के बसिला और मोहम्मदपुर स्थित कुछ मदरसों में भी संदिग्ध गतिविधियां दर्ज की गई हैं, हालांकि इन स्थानों पर सक्रिय आतंकी संगठनों की पहचान फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाई है। वहीं, ढाका के तामीर-उल-मिल्लत मदरसा में इस्लामी छात्र संगठन शिबिर और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका होने के संकेत मिले हैं।
चिट्टागोंग हिल ट्रैक्ट्स क्षेत्र में जमातुल अंसार फिल हिंदाल के कैंप के सक्रिय होने की जानकारी सामने आई है। इस संगठन को शमीन महफुज जैसे कट्टरपंथी नेटवर्क का समर्थन प्राप्त बताया जा रहा है। रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि इस गुट के केएनएफ और अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA) से संपर्क हैं। यह इलाका त्रिपुरा और म्यांमार बॉर्डर के बेहद करीब है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है।
इसके अलावा, नदी किनारे और चार अन्य इलाकों में जमात-उल-मुजाहिदीन के ठिकानों की मौजूदगी की बात कही जा रही है। बोगरा और चपाइनवाबगंज क्षेत्रों में ISIS से प्रेरित नियो-JMB को सबसे हिंसक आतंकी संगठनों में गिना जा रहा है। ये इलाके पश्चिम बंगाल के मालदा-मुर्शिदाबाद बेल्ट से सटे हुए हैं। वहीं, ढाका के रिहायशी हॉलों में हिज्ब-उत-तहरीर के जरिए युवाओं की भर्ती और कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने की कोशिशें तेज बताई जा रही हैं।
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने भी इन आतंकी कैंपों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। जॉय का कहना है कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों को खुली छूट मिल रही है, जिससे पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क फिर से मजबूत हो रहे हैं। उनके मुताबिक, यह स्थिति केवल बांग्लादेश ही नहीं, बल्कि भारत और पूरे दक्षिण एशिया की शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।






