
चुनाव से पहले ढाका में सियासी तूफान, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Bangladesh News In Hindi: बांग्लादेश में अगले साल प्रस्तावित आम चुनावों से पहले राजनीतिक सरगर्मी और तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच, विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने सोमवार को कट्टरपंथी इस्लामवादी पार्टी जमात-ए-इस्लामी पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह धर्म को राजनीतिक हथियार बनाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, बीएनपी ने साफ कहा कि देश की जनता अब समझ चुकी है कि किस तरह धार्मिक भावनाओं को भड़काकर वोट जुटाने की साजिश की जा रही है।
ढाका में आयोजित पार्टी कार्यक्रम में बीएनपी के वरिष्ठ नेता सलाहुद्दीन अहमद ने कहा कि समय के साथ लोग एक ऐसी पार्टी को पहचान चुके हैं जिसके पास न कोई नीति है, न कोई आदर्श और न ही राष्ट्र के लिए कोई ठोस योजना। उन्होंने कहा कि यह पार्टी धर्म के नाम पर जनता को धोखा देने की कोशिश कर रही है। इसका असली चेहरा अब बेनकाब हो चुका है।
जमात पर तंज कसते हुए सलाहुद्दीन ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि कुछ नेता दावा कर रहे हैं कि उनके चुनाव चिन्ह को वोट देने से लोगों को ‘जन्नत’ मिल सकती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग बिना प्रयास के जन्नत पाना चाहते हैं, उन्हें पहले उसका बस स्टेशन ढूंढ लेना चाहिए। जनता समझदार है और इन झूठ से भरी बातों को खूब समझती है।
बीएनपी का यह बयान ऐसे समय आया है जब लगातार दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप बढ़ते जा रहे हैं। इससे पहले रविवार को बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारीक रहमान ने भी जमात पर उनके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की जनता जानती है कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान जमात ने किस प्रकार पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर राजनीतिक फायदे के लिए लाखों नागरिकों की हत्या करवाई और महिलाओं को प्रताड़ित किया।
कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए तारीक रहमान ने कहा कि जमात जनता को ‘जन्नत की गारंटी’ जैसे झूठे वादों से बहका रही है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और विभिन्न मंचों पर ऐसी बातें की जा रही हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि लोग जमात को मौका देने का आग्रह कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की जनता इस पार्टी को 1971 में ही देख चुकी है। इनके हाथ मासूम लोगों के खून से सने हैं, और इनके सहयोगियों ने अनेकों महिलाओं का अपमान किया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
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बीएनपी नेताओं के इन बयानों से स्पष्ट है कि चुनाव से पहले बांग्लादेश की राजनीति बेहद गर्म हो चुकी है। दोनों दलों के बीच तीखी बयानबाज़ी से आगामी चुनावों में धार्मिक और वैचारिक मुद्दों के और उभरकर सामने आने की संभावना बढ़ गई है।






