अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (सौ. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका ने भारत की चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि वे ईरान के कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार में शामिल थीं। अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार को यह घोषणा की। यह फैसला ईरान की तेल बिक्री पर रोक लगाने के उद्देश्य से लिया गया है।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) और अमेरिकी विदेश विभाग ने 30 से अधिक व्यक्तियों और जहाजों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। इस सूची में भारत की चार कंपनियां भी शामिल हैं। इन कंपनियों का ईरान से संबंध मुख्य रूप से तेल व्यापार के कारण रहा है, जिसके चलते उन्हें अमेरिका की ओर से यह कार्रवाई झेलनी पड़ी।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग (OFAC) और विदेश विभाग की जानकारी के अनुसार, चार भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें नवी मुंबई की फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी, एनसीआर की बीएसएम मरीन एलएलपी, ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और तंजावुर की कॉसमॉस लाइन्स इंक शामिल हैं। इनमें से तीन कंपनियों पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि वे ईरानी तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में तकनीकी प्रबंधन का कार्य कर रही थीं, जबकि कॉसमॉस लाइन्स को ईरानी पेट्रोलियम के परिवहन में संलिप्त होने के कारण प्रतिबंधित किया गया है।
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संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) द्वारा इन प्रतिबंधित इकाइयों में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के तेल दलाल, हांगकांग और भारत के टैंकर ऑपरेटर व प्रबंधक, चीन और ईरान की कंपनियां शामिल हैं। इनमें ईरान की नेशनल ईरानी ऑयल कंपनी और ईरानी ऑयल टर्मिनल कंपनी भी शामिल हैं। इन संगठनों पर आरोप है कि वे ईरान की आर्थिक गतिविधियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे थे। प्रतिबंधित जहाजों और कंपनियों पर करोड़ों डॉलर मूल्य के कच्चे तेल के परिवहन की जिम्मेदारी थी, जिससे ईरान को आर्थिक लाभ होता था।
अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि ईरान अपनी परमाणु क्षमताओं, बैलिस्टिक मिसाइलों और आतंकवादी संगठनों को समर्थन देकर वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है। इसके अलावा, ईरान कई क्षेत्रों में अवैध रूप से तेल का निर्यात कर रहा है। ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाए गए ये कदम ईरान की अस्थिर गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से किए गए हैं।