ममता बनर्जी, फोटो - सोशल मीडिया
मुर्शिदाबाद : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार यानी 5 मई को मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई हिंसा पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि अब हालात पूरी तरह से सामान्य हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा गृह मंत्रालय (MHA) को भेजी गई रिपोर्ट और अनुच्छेद 356 के संभावित इस्तेमाल की चर्चा से खुद को अनभिज्ञ बताया।
ममता बनर्जी दो दिवसीय दौरे पर सोमवार दोपहर मुर्शिदाबाद रवाना हुईं। उन्होंने कहा कि वह पहले भी जा सकती थीं, लेकिन उन्होंने इंतजार इसलिए किया क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि किसी अस्थिर स्थिति में उनकी यात्रा से और तनाव बढ़े। सीएम ममता कहती हैं कि मुर्शिदाबाद में शांति पहले ही लौट चुकी थी, इसलिए अब मैं वहां जा रही हूं।
राज्यपाल की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए सीएम ममता ने कहा, “मुझे गवर्नर की MHA को भेजी गई रिपोर्ट की कोई जानकारी नहीं है। वैसे भी उनकी तबीयत ठीक नहीं है, हम ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।”
द हिंदू के एक खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा को पूर्व-नियोजित करार दिया और कहा कि सरकार ने हालात को काबू में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। सोमवार को वह बहरामपुर में एक जिला समीक्षा बैठक करेंगी और अगले दिन यानी मंगलवार को धुलियान का दौरा कर उन परिवारों को मुआवजा देंगी जिनके घर और दुकानें इस हिंसा में क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इस बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गृह मंत्रालय को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है, जिसमें उन्होंने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को राज्य के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए चरमपंथ और उग्रवाद के खतरे का जिक्र किया है। रिपोर्ट में उन्होंने सीमा से लगे जिलों में केंद्रीय बलों की चौकियां बनाने, एक जांच आयोग गठित करने और अनुच्छेद 356 के विकल्प को भी खुला रखने की सिफारिश की है।
आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है, जब राज्य सरकार संविधान के अनुसार कार्य करने में विफल हो। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार को संभावित खतरे की जानकारी थी, फिर भी समय पर कार्रवाई नहीं की गई। हिंसा के दौरान कम से कम तीन लोगों की जान गई, जिनमें एक पिता-पुत्र शामिल थे, जबकि कई अन्य घायल हुए।
वहीं मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में उनकी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, केंद्र सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार का समर्थन करती है।”