कार में बांधी नींबू- मिर्ची
नई दिल्ली : भारतीय सभ्यता में किसी भी नए वाहन की शुरुआत से पहले नींबू- मिर्ची बांधने और नारियल फोड़ने का रिवाज है। अधिकांश भारतीय हिंदू यह करते है लेकिन यदि हम कहें कि विदेशी भी हिंदू रीति- रिवाज का पालन करते है तो आप थोड़ा हैरान जरुर होंगे। जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने अपने ऑफिस के लिए एक नई इलेक्ट्रिक कार खरीदी और कार में नींबू- मिर्ची बांधा। वीडियो को सोसल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर शेयर किया गया है।
भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन भारतीय रीति- रिवाजों को पसंद करते है। राजदूत फिलिप एकरमैन ने अपने ऑफिस के लिए एक नई इलेक्ट्रिक कार ली है। इस कार में बैठने से पहले उन्होंने भारतीय रीति-रिवाज के अनुसार कार में नींबू-मिर्ची बांधी और फिर नारियल फोड़ा। भारत में यह माना जाता है कि ऐसा करने से बुरी से सुरक्षा होती है।
#WATCH | Delhi: German Ambassador to India, Philipp Ackermann switches to EV (electric vehicle); ties ‘nimbu-mirchi’ to his car and smashes a coconut on the occasion. pic.twitter.com/OojZh4Nvx3
— ANI (@ANI) October 15, 2024
फिलिप एकरमैन का यह वीडियो उनके ऑफिस के बाहर शूट किया गया है। नई कार को लेकर एकरमैन ने कहा कि दिल्ली में सर्दियों के मौसम में प्रदूषण बहुत बढ़ता है, इसे कम करने में योगदान देने के लिए उन्होंने इलेक्ट्रिक कार में स्विच किया। उन्होंने कहा, “जर्मनी और भारत आपसी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। इसे विकास के लिए साझेदारी समझौता कहा जाता है। सर्दियों के समय यहां प्रदूषण बहुत होता है और मुझे ऐसा लगता है कि इसे कम करने में हम सभी को योगदान देना चाहिए। मैं इलेक्ट्रिक वाहन लेना चाहता था। कुछ समय बाद मेरे कार्यालय ने बताया कि हमें एक इलेक्ट्रिक कार मिलेगी। इससे प्रदुषण कम होगा। यही हमारा मुख्य उद्देश्य है।”
एकरमैन ने जताई खुशी
इससे पहले 12 अक्तूबर को भारत में फेडरेशन ऑफ यूरोपीयन बिजनेस (एफईबीआई) के लॉन्च पर एकरमैन ने खुशी जताई थी। उन्होंने कहा कि यह संगठन भारत और यूरोप के बीच मुफ्त व्यापार समझौता को आगे बढ़ाएगा। मीडिया से बात करते हुए एकरमैन ने कहा कि दिल्ली में एफईबीआई की लॉन्चिंग एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यूरोप भारतीय बिजनेस इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने आगे कहा, “यह बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है। मुझे लगता है कि एफईबीआई बहुत ही दिलचस्प नेटवर्क है।”