श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह (सोर्स-सोशल मीडिया)
मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की रिकॉल याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट से शाही ईदगाह कमेटी की रिकॉल याचिका खारिज होने की खबर सुनते ही हिंदू लोगों ने जश्न मनाया और इसे हिंदू पक्ष की बड़ी जीत करार दिया। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में वादी दिनेश चंद शर्मा ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के सामने मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की।
दिनेश शर्मा ने बताया कि पिछली सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला लिया था। जिसमें सभी मामलों की एक साथ सुनवाई करने का आदेश दिया था। जिस पर मुस्लिम पक्ष ने उस आदेश को रिकॉल करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस अर्जी को खारिज कर दिया है। मुस्लिम पक्ष चाहता है कि सभी मामलों की अलग-अलग सुनवाई हो क्योंकि मुस्लिम पक्ष के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है। वह सिर्फ इस मामले को लटकाना चाहता है।
इस पर हिंदू पक्ष ने आपत्ति जताई थी और कोर्ट से मांग की थी कि हमारे सभी मामलों की एक साथ सुनवाई की जाए, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि जब सभी मामलों का उद्देश्य अलग-अलग है तो इनकी अलग-अलग सुनवाई होनी चाहिए। हिंदू पक्ष ने कहा था कि हमारे सभी मामलों का उद्देश्य एक ही है, जो 1968 में समझौता था। इसे रद्द किया जाए और हमारी जमीन हिंदू पक्ष को वापस की जाए। सभी मामलों का एकमात्र उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर पर अवैध कब्जे को हटाना है। आज कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
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मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज होने पर उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के गेट पर सभी को मिठाई खिलाकर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि, आज सभी सनातन हिंदू बहुत खुश हैं, क्योंकि मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर आपत्ति खारिज हो गई है। आने वाले समय में सभी सनातनी हिंदुओं को पूरा विश्वास है कि कोर्ट सबूतों के आधार पर फैसला देगा और हिंदू पक्ष की जीत होगी और कोर्ट की कलम की ताकत से अवैध कब्जे को जरूर हटाया जाएगा।
उधर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जस्टिस मयंक कुमार ने आदेश पारित किया है कि मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल रिकॉल अर्जी खारिज कर दी गई है। यह अभूतपूर्व आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया है। यह सत्य की जीत है, हम शुरू से कह रहे हैं कि शाही ईदगाह पक्ष और सुन्नी वक्त बोर्ड के लोग जानबूझकर इस मामले को लटकाने के उद्देश्य से बार-बार अर्जी दाखिल कर रहे थे। इस मामले में उनका यही उद्देश्य था। हम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत करते हैं। यह हिंदू पक्षकारों की बड़ी जीत है, यह सत्य की जीत है। अब इसमें 6 नवंबर की तारीख तय की गई है।
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