प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 10 रिक्त विधानसभा सीटों में से 9 पर हो रहे उपचुनाव ने सूबे का सियासी माहौल गरमा रखा है। इन चुनावों में सपा जहां फ्रंट फुट पर खेल रही है। उसने 7 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। जबकि दूसरी तरफ बीजेपी उम्मीदवार नहीं तय कर पा रही है। जिसके पीछे कारण यह है कि बीजेपी हर एक सीट पर दो से तीन दावेदार टिकट की जुगत में लगे हुए हैं।
यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान को चुका है। जिसमें से सपा ने 7 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। बाकी बची दो सीटों पर कांग्रेस के साथ बातचीत चल रही है। माना यह जा रहा है कि सहमति बन जाएगी। ऐसे में कांग्रेस गाजियाबाद और खैर में अपने प्रत्याशी उतार सकती है।
उधर, दूसरी तरफ भाजपा में उम्मीदवारों को लेकर उहापोह की स्थिति मची हुई है। भाजपा 9 सीटों में से आठ पर चुनाव लड़ने वाली है। वहीं, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट उसने रालोद को दी है। सूत्रों के मुताबिक जिन 8 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ने वाली है उनके लिए 21 से 22 नाम दावेदारी पेश कर रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो गाजियाबाद सीट संजीव शर्मा, मयंक गोयल और अशोक का नाम रेस में चल रहा है तो वहीं, खैर से सुरेंद्र वाल्मीकि, भोला दिवाकर और प्रोफेसर संजीव दावेदारी पेश कर रहे हैं। इसके अलावा सीसामऊ सीट पर नीतू सिंह और नीरज चतुर्वेदी के बीच टिकट को लेकर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
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कुछ ऐसा ही हाल फूलपुर सीट का भी है। यहां दीपक पटेल और अनिरुद्ध पटेल का नाम चर्चा में है। वहीं, मझवां उत्तर मौर्य, गुलाब मौर्य और सुचिस्मिता मौर्य का नाम रेस में है। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बदायुं की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य का नाम करहल और मझवां दोनों ही जगह से चल रहा है।
करहल सीट पर संघमित्रा मौर्य के अलावा अनुजेश यादव और संजीव यादव भी रेस में हैं। इसके साथ ही कुंदरकी सीट पर रामवीर सिंह और सेफाली सिंह के बीच टक्कर दिखाई दे रही है। वहीं, कटेहरी में अवधेश द्विवेदी और धर्मराज निषाद में कांटे की टक्कर है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद में संजी शर्मा, खैर में सुरेन्द्र वाल्मीकि, सीसामऊ में नीतू सिंह, फूलपुर में अनिरुद्ध पटेल, मझवां में गुलाब मौर्य करहल में अनुजेश यादव के अलावा कुंदरकी में रामवीर सिंह और कटेहरी में अवधेश द्विवेदी का नाम आगे बताया जा रहा है। हालांकि आखिरी मुहर किसके नाम पर लगती है यह देखना अहम होगा।
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