फाइल फोटो [स्रोत: सोशल मीडिया]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा जाकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन राव भागवत से मुलाकात की है। हालांकि इस मुलाकात में औपचारिक रूप से सीएम योगी ने संघ प्रमुख को महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया है, लेकिन सियासी गलियारों में कोई भी मुलाकात आम नहीं होती।
वह भी तब, जब किसी राज्य में उपचुनाव चल रहे हो और राजनीती में दखल रखने वाली दो बड़ी शख्सियत आपस में बातचीत कर रही हो। जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आते जा रही हैं, वैसे-वैसे सूबे का सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है। 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी बेहद गंभीर है तथा हर छोटी बड़ी चीज को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है।
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लेकिन इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख डॉ मोहन राव भागवत की मुलाकात के क्या कुछ मायने हैं, यह समझना भी बेहद जरूरी है। भारतीय जनता पार्टी की सियासत में संघ का हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी के लिए संघ एक मार्गदर्शक की तरह काम करता रहा है।
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सत्ता-संगठन पर बातचीत
सीएम योगी और संघ प्रमुख की इस मुलाकात को भी संगठनात्मक मार्गदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। स्वाभाविक है, कि दोनों के बीच महाकुंभ के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव तथा संगठन की चुनौतियों को लेकर भी चर्चा हुई होगी। क्योंकि लगभग पौन घंटे तक दोनों लोग बंद कमरे में एक-दूसरे से चर्चा करते रहे।
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क्या दिखेगा बदलाव
ऐसा माना जा रहा है, कि इस चर्चा के दौरान संघ से मिले नवाचारों की छाप जल्द ही अब यूपी बीजेपी के संगठन और सरकार में दिखने भी लगेगी। फिलहाल बीजेपी उपचुनावों को लेकर आक्रामक अंदाज में आगे बढ़ रही है और यह चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख का विषय भी बना हुआ है।