अखिलेश यादव (डिजाइन फोटो)
लखनऊ: जबसे केन्द्र की मोदी सरकार ने जातीय जनगणना का फैसला किया है तबसे देश में सियासी भूचाल आया हुआ है। यूपी की राजनीति में भी जुबानी जंग देखने को मिल रही है। अब अखिलेश यादव के पुराने साथी ही जाति जनगणना की बात को लेकर उन पर हमलावर हो गए हैं। 2022
दरअसल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुभासपा नेता ने कहा है कि जाति जनगणना को लेकर अखिलेश यादव का दावा झूठा है।
राजभर ने कन्नौज सांसद के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि जाति जनगणना से 90 फीसदी आबादी को 100 फीसदी अधिकार मिलेंगे। आपको यह भी बताते चलें कि 2022 विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव के साथी हुआ करते थे।
समाजवादी पार्टी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए राजभर ने कहा कि अधिकार छीनने वाले लोग अगर ऐसी बातें करते हैं तो आश्चर्य होता है। उन्होंने (अखिलेश यादव) मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पांच साल के कार्यकाल में पुलिस, ग्राम सेवक, लेखपाल जैसी सेवाओं में जाति के आधार पर लोगों की भर्ती की।
उन्होंने आगे कहा, ‘जाति जनगणना से अखिलेश यादव की जमीन खिसक गई है, वह बौखला गए हैं। मैं देख रहा हूं कि जिस दिन से जाति जनगणना की बात शुरू हुई है और जो लोग 10 वोट पाने की भी हैसियत नहीं रखते, उन्हें अपने यहां बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं।
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ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मजेदार बात यह है कि जो लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए हैं और जिनके सहारे वह लड़ रहे हैं, उन्हें MLA का फुल फॉर्म तक नहीं पता है। अब क्या कहा जाए। वह यानी अखिलेश यादव अब असमंजस में हैं कि अब क्या होगा?’
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि इस सरकार ने अभी एक फैसला लिया है, हमें खुशी है कि कम से कम एक कदम सामाजिक न्याय के इस राज्य की स्थापना की दिशा में बढ़ा है। सामाजिक न्याय के राज्य की स्थापना के लिए जाति जनगणना का फैसला 90% और 100% पीडीए की एकता की जीत है। हम सभी के संयुक्त दबाव के कारण भाजपा सरकार यह फैसला लेने पर मजबूर हुई है।