
बृज भूषण शरण सिंह (सोर्स- सोशल मीडिया)
Brij Bhushan Sharan Singh: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी ‘दंबग’ इमेज के लिए जाने जाने वाले कद्दावर नेता और पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि उन्हें लोगों ने नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश के तहत लोकसभा से हटाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बेइज्जत करके बाहर निकाला गया। अपने निष्कासन और टिकट न मिलने पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि उनका कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ था।
बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि वह इस अपमान के घाव को ज़रूर भरेंगे। उन्होंने कहा कि अगर वह ज़िंदा रहे, तो वह जरूर लोकसभा में वापस आएंगे। यह बातें बृज भूषण शरण सिंह एक चैनल के पॉडकास्ट पर इंटरव्यू देते हुए कही हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी ही पार्टी और सिस्टम की कड़ी आलोचना की।
अपने चुनाव क्षेत्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि इलाके के लोग तय करेंगे कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, उनकी पहली कोशिश बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की होगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि भले ही उनके बेटे करण भूषण सांसद हैं, लेकिन उनकी खुद की इच्छा एक बार फिर संसद में लौटने की है।
बृज भूषण ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के प्रति एक चौंकाने वाला रुख दिखाया। उन्होंने कहा कि जब मैं अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा था तो अखिलेश यादव ने मेरे खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने गरिमापूर्ण राजनीति दिखाई, और मैं इस एहसान को कभी नहीं भूलूंगा।
पूर्व सांसद ने राम मंदिर उद्घाटन समारोह में न बुलाए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वह एक स्वाभिमानी व्यक्ति हैं। राम जन्मभूमि आंदोलन के सच्चे स्वयंसेवक होने के बावजूद, उन्हें शुरू में आमंत्रित नहीं किया गया था। जब दूसरी बार निमंत्रण आया तो उन्होंने खुद मना कर दिया।
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उन्होंने तीखे सवाल उठाए कि जिन एक्टर और एक्ट्रेस का मंदिर निर्माण में कोई योगदान नहीं था फिर उन्हें क्यों बुलाया गया, जबकि विनय कटियार जैसे नायकों को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने घोषणा की कि वह अभी तक राम लल्ला के दर्शन करने नहीं गए हैं और जब जाएंगे तो वीआईपी के तौर पर नहीं, बल्कि एक आम आदमी की तरह लाइन में खड़े होकर जाएंगे।
अपने आने वाले ‘राष्ट्रकथा’ कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सीएम योगी उनके कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। इस बीच राज्य की नौकरशाही पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आज लखनऊ में विधायकों की हालत ऐसी है कि उन्हें अपना काम करवाने के लिए अधिकारियों के पैर भी छूने पड़ते हैं।






