अयोध्या राम मंदिर के आगे सीएम योगी आदित्यनाथ (सोर्स:-सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव होना है। जिसे लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। चुनाव कार्यक्रम का अभी ऐलान नहीं किया गया है लेकिन सत्ताधारी बीजेपी और अन्य सभी पार्टियां जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिए हैं। बीजेपी इस बार लोकसभा चुनाव जैसी गलती करने के मूड में कतई नहीं है। अपने हर एक कदम को काफी फूंक-फूंक कर रख रही है। वहीं लोकसभा चुनाव में पूरे भविष्यवाणियों को फेल कर देने वाली समाजवादी पार्टी भी अपने फ्लों को टूटने नहीं देना चाहती है।
उपचुनाव की घोषणा से पहले उम्मीदवारों के नाम पर सियासत गर्म हो गया है। सभी पार्टियां 10 सीटों पर अपने सबसे अच्छे और सटीक खिलाड़ियों को उतारने की तैयारी में हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इस बार सारी तैयारियों का जायजा लेने में लगे हैं। उपचुनाव की इस 10 सीटों के लिए भी जबरदस्त तैयारी की जा रही है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सबसे ज्यादा जिक्र रामनगरी अयोध्या का किया गया। आंखें मूंद कर फुल कॉन्फिडेंस में बैठी बीजेपी को फैजाबाद लोकसभा सीट की जनता ने होश में ला दिया। चुनाव से पहले जिस रामनगरी के नारे लगाए जा रहे थे उसी सीट से बीजेपी चुनाव हार गई। जिसके बाद बीजेपी का कॉन्फिडेंस बिल्कुल नीचे चला गया।
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केंद्र में दो बार बहुमत की सरकार बनाने वाली मोदी सरकार को गठबंधन का सहारा लेना पड़ा। लोकतंत्र की ताकत को कम ना आंकते हुए अब इस बार बीजेपी छोटी भी गलती करने को तैयार नहीं है। बीजेपी अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट को लेकर अपनी पूरी ताकत लगा रही है। इस सीट की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कंधों पर दी गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक सप्ताह के भीतर दो बार रामनगरी पहुंच गएं। इस बात से यह समझा जा सकता है कि बीजेपी इस बार कोई भी गलती नहीं करना चाहती है। सीएम योगी ने अपने अयोध्या दौरे के दौरान कहा कि अयोध्या को खुद अपने सम्मान की चिंता होनी चाहिए। हिंदू समाज के लोगों को यह समझना चाहिए कि उनकी चिंता कौन कर रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या हमारे लिए कोई जीत का विषय नहीं रहा लेकिन हमारी हार को जिस तरह से दर्शाया गया उसपर अयोध्यावासियों को मंथन करने की जरूरत है।