आजम खान व एसटी हसन (सोर्स- सोशल मीडिया)
UP Politics: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की रिहाई के बाद एक तीखे बयान से सियासी हलचल मचा दी है। आजम खान की रिहाई पर समाजवादी पार्टी खेमे में जहां खुशी का माहौल है, वहीं एसटी हसन की नाराजगी और उनके बयान ने पार्टी के भीतर पुराने राजनीतिक तनाव को फिर से जगा दिया है, जिससे भाजपा को मौका मिल गया है।
मुरादाबाद में मीडिया से बात करते हुए एसटी हसन ने कहा, “मैं आजम खान की रिहाई से खुश हूं, लेकिन मेरे साथ जो हुआ उसके लिए वही जिम्मेदार हैं। मुझे बिना किसी गलती के सजा दी गई। मेरा दिल नहीं चाहता कि मैं उनसे मिलने जाऊं। लेकिन अगर वह आदेश देंगे तो शायद मैं जाऊंगा।”
2024 के लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने मुरादाबाद से हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को दे दिया था। राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही थीं कि आजम खान के दबाव में ही सपा ने हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को उम्मीदवार बनाया है। रुचि वीरा को आजम खान का करीबी माना जाता है। इस घटना के बाद से हसन और आज़म खान के बीच तनाव की खबरें सामने आ रही हैं।
पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि आज़म खान पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं और उनकी रिहाई से सपा को मजबूती मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आज़म खान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होते हैं, तो सपा को ज़्यादा नुकसान नहीं होगा। मुस्लिम मतदाता सपा के साथ हैं और किसी एक नेता के पीछे नहीं भागते। हालांकि, हसन ने यह भी कहा कि आज़म जन्मजात समाजवादी हैं और उनके पार्टी छोड़ने की संभावना नहीं है।
यह भी पढ़ें: जमानत मिली है…बरी नहीं हुए हैं! आ गया उस BJP विधायक का बयान…जिसके लपेटे में फंसे हैं आजम खान
एसटी हसन के बयान ने आज़म खान के बसपा में शामिल होने की अटकलों को भी हवा दे दी है। विश्लेषकों का मानना है कि हसन का यह बयान 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले सपा के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है। उनकी नाराज़गी सपा की मुश्किलें बढ़ा सकती है।
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर चुटकी लेते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के भीतर की कलह अब खुलकर सामने आ रही है। भाजपा नेता मोहसिन रज़ा ने कहा कि सपा में एकजुटता का अभाव है। यहां तक कि उनके अपने नेता भी आज़म खान की रिहाई से खुश नहीं हैं।