चिंतामण गणेश मंदिर, उज्जैन (सौ. सोशल मीडिया)
Ujjain Ganesh Temple: गणेश उत्सव पर देश के सभी गणपति मंदिरों में धूमधाम से पर्व को मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव में हर कोई भगवान के अलग-अलग स्वरूपों व मंदिरों के दर्शन करने जाता है। इसी कड़ी में आज हम आपको मध्य प्रदेश के उज्जैन में मौजूद अनोखे गणेश मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। माना जाता है कि उज्जैन का यह मंदिर इस वजह से खास है क्योंकि यहां खुद भगवान राम ने पूजा की थी।
उज्जैन का चिंतामण गणेश मंदिर अपनी अलग पहचान रखता है। यहां पर भगवान गणेश के तीन अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भगवान गणेश भक्तों की सारी चिंता हर लेते हैं। यह मंदिर उज्जैन से करीब 6 किमी दूर स्थित है। गणेश उत्सव के दौरान इस मंदिर में काफी भीड़ लगती है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार गणेश जी के इस मंदिर में भगवान चिंतामण गणेश जी की स्थापना स्वयं भगवान राम ने वनवास के दौरान की थी। इस मंदिर के गर्भगृह में तीन प्रतिमाएं स्थापित हैं। जिसमें पहला चिंतामण, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक की प्रतिमा है। जिसमें इच्छामन और सिद्धिविनायक की स्थापना लक्ष्मण जी और माता सीता ने की थी।
इस मंदिर में रहने वाले पुजारी जी के अनुसार चिंतामण गणेश जी सभी भक्तों की सुनते हैं। जिसकी वजह से इस मंदिर की मान्यता काफी अधिक है। माना जाता है कि भगवान राम की यहां चिंता, लक्ष्मण जी की इच्छा और माता सीता के कार्य सिद्ध हुए थे। इसी के बाद से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
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माना जाता है कि यहां भगवान राम ने चिंतामण गणेश, लक्ष्मण ने इच्छामण गणेश और माता सीता ने सिद्धिविनायक की पूजा की थी। इस मंदिर के सामने आज भी लक्ष्मण बावड़ी के दर्शन भक्तों की भारी भीड़ आती है। इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाया था। इस मंदिर का निर्माण 11वीं -12वीं शताब्दी में हुआ था। गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक भक्तों की यहां भारी भीड़ लगती है। बुधवार के दिन इस मंदिर में काफी ज्यादा लोग देखे जा सकते हैं।