
हश वेकेशन (सौ. सोशल मीडिया)
Hush Trip: नौकरी करने वाले लोगों को अक्सर छुट्टियों को लेकर काफी ज्यादा शिकायत रहती है। खासकर जब आप ऑफिस से घूमने के लिए छुट्टी लेते हैं तो थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन आजकल लोग इस बात की चिंता नहीं करते हैं कि वह वर्किंग है या नहीं। वह अपना बैग पैक करके कहीं दूर वेकेशन पर निकल जाते हैं। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उन्हें ऑफिस से छुटकारा मिल जाता है।
अगर आप वर्क फ्रॉम होम में हैं तो हश वेकेशन के बारे में जानना फायदेमंद है। सोशल मीडिया पर हश वेकेशन ट्रेंड हो रहा है। इसमें लोग वर्क फ्रॉम होम का फायदा इस तरह उठा रहे हैं कि बॉस को बिना बताए यात्रा पर निकल जाते हैं।
हश वेकेशन में कर्मचारी बॉस से छुट्टी नहीं मांगते और जब इच्छा होती है यात्रा करने निकल जाते हैं। यह बात अलग है कि वे वेकेशन में भी ऑफिस का काम करते हैं। आज के दौर में कर्मचारियों पर चाहे वे वर्क फ्रॉम होम में हों या ऑफिस में दोनों ही जगह वर्क प्रेशर इतना है कि हश वेकेशन उन्हें ठीक लगता है।

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कोविड के बाद ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन रखा है। जिसमें कर्मचारी घर पर रहकर भी आसानी से ऑफिस का काम कर लेते हैं। वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों को कई अन्य फायदे भी मिलते हैं। रोज उनके ऑफिस आने-जाने का खर्चा बचता है। इसके अलावा वह बिना बॉस को बताए ट्रिप पर भी जा सकते हैं।
वहीं वर्केसन यानी वर्किंग वेकेशन का कॉन्सेप्ट भी कई लोगों को अच्छा लगता है। इस कॉन्सेप्ट में काम और घूमना एक साथ हो जाता है। वहीं ब्लेजर ट्रैवल भी पसंद किया जाता रहा है। ब्लेजर यात्रा व्यवसाय और अवकाश का एक संयोजन है।
ऑफिस के काम का दबाव बहुत ज्यादा हो जाता है जिससे राहत पाने के लिए अक्सर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि ये सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है। खास बात यह है कि घूमने के साथ उनके ऑफिस का काम भी प्रभावित नहीं होता है।






