पहली बार इस जगह मनाया गया था गणतंत्र दिवस का जश्न, बेहद खास था नजारा
Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए बहुत ही गर्व का दिन होता है। यह राष्ट्रीय पर्व भारत के लोकतांत्रिक गणराज्य का उत्सव है जिसे हर भारतीय मनाता है। 26 जनवरी साल 1949 को भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा स्वीकार किया गया था। जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान संपूर्ण देश में लागू हुआ। बता दें कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा और लिखित संविधान है। जिसे बनाने में करीब दो वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे। इस दिन स्कूल कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों व सामाजिक स्थलों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा इस दिन राष्ट्रपति कर्तव्य पथ पर झंडा फहराते हैं। इस बार भारत 76 वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।
इस वर्ष 26 जनवरी को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो को मुख्य अतिथि के रूप में चुना गया है। बता दें कि भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर भी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। इस खास दिन कर्तव्य पथ पर परेड का आयोजन किया जाता है और अलग-अलग राज्यों की झांकियां निकाली जाती हैं। बदलते समय के साथ और नई तकनीक में विकास की वजह से गणतंत्र दिवस मनाने के तरीकों में काफी बदलाव देखने मिला है।
वर्तमान में गणतंत्र दिवस का आयोजन दिल्ली में होता है जिसके बारे में सभी जानते हैं। लेकिन देश का पहला गणतंत्र दिवस जो कि बहुत ही खास था उसे लेकर कम लोगों को जानकारी है। पहले गणतंत्र दिवस पर भव्य परेड का आयोजन किया गया था। जिसमें करीब 3000 जवानों ने मार्च किया था और राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सामने सेना ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। वायुसेना ने आसमान में करतब दिखाए और तोपों से सलामी दी गई। देश का पहला गणतंत्र दिवस दिल्ली के पुराने किले के सामने इरविन स्टेडियम में मनाया गया था।
टूर एंड ट्रेवल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें!
भारत में गणतंत्र दिवस की परेड का आयोजन साल 1950 से 1954 तक विभिन्न स्थानों पर किया गया था। उस समय यह किंग्सवे, लाल किला मैदान, रामलीला मैदान में आयोजित की जाती थी। लेकिन साल 1955 के बाद यह परेड स्थायी रूप से राजपथ जिसे ब्रिटिश काल में किंग्सवे के नाम से जाना जाता था। जिसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया।