
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल तस्वीर (सौ. फ्रीपिक)
Jaipur Tourism: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल जनवरी 2026 का आयोजन जल्द ही शुरू होने वाला है। जिसका इंतजार साहित्य प्रेमियों को साल भर रहता है। वेदांता द्वारा प्रस्तुत और टीमवर्क आर्ट्स द्वारा आयोजित जेएलएफ का यह 19वां संस्करण है जो 15 जनवरी से 19 जनवरी 2026 तक चलेगा। अगर आप पहली बार इस फेस्टिवल में जाने का प्लान कर रहे हैं तो यहां की कई और चीजों को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
फेस्टिवल ग्राउंड से बाहर कदम रखते ही जयपुर को धीरे-धीरे एक्सप्लोर करें। पिंक सिटा का अनुभव लेना चाहते हैं तो सर्दियों का समय एकदम बेहतरीन रहेगा।
पर्यटक अक्सर जयपुर में सबसे पहले हवा महल के दर्शन करते हैं। 1799 में बना हवा महल गुलाबी बलुआ पत्थर से बना है। यहां सुबह जल्दी जाएं ताकि सूर्य की रोशनी में इसका अद्भुत नजारा देख सकें। आसपास सड़कों पर पूरी तरह से हलचल रहती है। शानदार नजारों के साथ अपनी ट्रिप को यादगार बनाएं।
पुराने शहर में स्थित सिटी पैलेस आज भी शाही निवास है। शहर के परतदार अतीत को समझने के लिए इसके आंगनों, संग्रहालयों और दीर्घाओं में घूमें। शाही पोशाकों और हथियारों से लेकर दरवाजे तक संस्कृति का प्रतीक बन गए हैं।
यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल जंतर मंतर दुनिया का सबसे बड़ा पत्थर खगोलीय वेधशाला है। महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित इसके विशाल उपकरणों को आधुनिक तकनीक आने से बहुत पहले बनाया गया।

मान सागर झील के बीच शांति से तैरता हुआ जल महल बहुत ही अलग शान रखता है। इसे एक शिकार लॉज के रूप में बनाया गया था। हालांकि इसे पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। अरावली पहाड़ियों के पीछे सूर्यास्त देखने के लिए यह जगह बेहतरीन है।
यह भी पढ़ें:- भारत का वो गांव जहां बाहर रखते ही पत्थर बन जाते हैं गीले कपड़े! यहां का तापमान जानकर उड़ जाएंगे होश
जयपुर के मनोरम दृश्य देखने के लिए नाहरगढ़ किला जरूर जाएं। यह 1734 में बनाया गया था जहां से पूरा शहर दिखता है। माधवेंद्र भवन से होकर गुजरें जो कभी राजघरानों का ग्रीष्मकालीन निवास था। सूर्यास्त के समय यह जगह बहुत शानदार दिखती है।
शहर से कुछ दूर स्थित यह किला जयपुर को समझने के लिए जरूर घूमें। इसके दर्पण हॉल, भव्य आंगन और पहाड़ी पर स्थित स्थान इसे उत्तर भारत के सबसे प्रभावी किलों में से एक बनाते हैं।
फेस्टिवल के बीच आप जयपुर के बाजारों की ओर भी रुख कर सकते हैं। बापू बाजार कपड़ों, मोजरिया और स्मारकों के लिए जाना जाता है। जबकि जौहरी बाजार आभूषणों और रत्नों का खजाना है। इसके अलावा आप पत्रिका गेट भी जा सकते हैं जहां पर फोटोग्राफी का लुत्फ लिया जा सकता है।






