AI को लेकर क्या है खतरा। (सौ. Pixabay)
AI fraud: AI ने भले ही हमारी ज़िंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इस एडवांस टेक्नोलॉजी के कुछ गंभीर खतरे भी सामने आए हैं। साइबर अपराधी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेकर लोगों को ठगने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि एआई का इस्तेमाल किन तरीकों से फ्रॉड करने के लिए किया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ठग एआई टूल्स का उपयोग न सिर्फ नए सॉफ्टवेयर बनाने में करते हैं, बल्कि कंपनियों की सुरक्षा खामियों का विश्लेषण कर उन्हें तोड़ने में भी करते हैं। Generative AI की मदद से स्कैमर्स लोगों को आसानी से निशाना बना रहे हैं।
आज कई एआई टूल्स इतने एडवांस हो चुके हैं कि वे किसी व्यक्ति के सिर्फ कुछ सेकंड के वीडियो या ऑडियो से उसकी आवाज़ की क्लोनिंग कर सकते हैं। स्कैमर्स इसी तकनीक का दुरुपयोग कर आपके करीबी की आवाज़ में फोन करके पैसों की मांग करते हैं।
यह स्कैम खासतौर पर बुजुर्गों को निशाना बनाता है। ठग ऐसा दिखाते हैं मानो उनके पोते-पोती किसी मुसीबत में फंसे हों, जिससे वे आसानी से जाल में फंस जाते हैं।
डीपफेक वीडियो एआई द्वारा बनाई गई ऐसी क्लिप होती हैं जो पूरी तरह असली लगती हैं। जब इन्हें क्लोन की गई आवाज़ के साथ जोड़ा जाता है, तो यह और भी विश्वसनीय लगने लगती हैं। ठग कई बार मशहूर हस्तियों के डीपफेक वीडियो बनाकर उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देते हैं। इन वीडियो में दिए गए लिंक लोगों को नकली वेबसाइट पर ले जाते हैं, जहां से उनकी निजी जानकारी चुरा ली जाती है।
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एआई का उपयोग कर स्कैमर्स चंद मिनटों में आकर्षक वेबसाइट बना सकते हैं। वे इन साइट्स को प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया पर लिंक शेयर करते हैं या सीधे ईमेल भेजते हैं। नकली ऑनलाइन स्टोर्स पर लोगों को लुभाने के लिए भारी डिस्काउंट और सीमित समय की सेल का लालच दिया जाता है। एक बार जब शिकार खरीदारी करता है, तो स्कैमर्स उसकी पेमेंट डिटेल्स चुरा लेते हैं और कई बार तो बैंक अकाउंट तक खाली कर देते हैं।
एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जहां हमारी ज़िंदगी को आसान बना रहा है, वहीं इसके गलत इस्तेमाल से बचने के लिए सतर्क रहना भी ज़रूरी है। किसी भी संदिग्ध कॉल, वीडियो या वेबसाइट पर भरोसा करने से पहले उसकी पूरी जांच ज़रूर करें।