New National Telecom Policy से होगा देश को फायदा। (सौ. Design)
नई दिल्ली: भारत सरकार की अगली राष्ट्रीय दूरसंचार नीति आम लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है। इस नीति के तहत केंद्र सरकार ने 2030 तक देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए हैं। इसमें न केवल सस्ती दरों पर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना शामिल है, बल्कि दूरसंचार उत्पादों के निर्यात को दोगुना करने और 10 लाख नई नौकरियां पैदा करने की भी योजना बनाई गई है।
इकनॉमिक टाइम्स को मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य 2030 तक GDP में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का योगदान 7.8% से बढ़ाकर 11% करना है। संचार मंत्रालय इस नीति को सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर अंतिम रूप दे रहा है।
नई नीति के जरिए दूरसंचार क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को मजबूती दी जाएगी। इसके लिए सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। 31 मार्च 2025 तक टेलीकॉम उद्योग ने PLI स्कीम के तहत ₹80,927 करोड़ की बिक्री दर्ज की है, जिसमें ₹14,915 करोड़ का निर्यात शामिल है।
नीति के तहत 2030 तक देश की पूरी आबादी को 4G नेटवर्क और 90% आबादी को 5G कवरेज देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए टॉवर नेटवर्क के साथ-साथ सैटेलाइट कनेक्टिविटी को भी विकसित किया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य भारतनेट के तहत सभी ग्राम पंचायतों को फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क से जोड़ना है। साथ ही 10 लाख पब्लिक वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाने की योजना भी तैयार की जा रही है, जिससे हर नागरिक को सुलभ इंटरनेट सेवा मिल सकेगी।
5G, 6G, AI, IoT, Big Data, Cyber Security, और Quantum Communication जैसे क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार मिलेगा, जिससे डिजिटल स्किल्स को भी बढ़ावा मिलेगा।
जल्द ही भारत में Amazon Kuiper, Starlink, Eutelsat-OneWeb और Jio-SES जैसे दिग्गज कंपनियों के सैटेलाइट नेटवर्क शुरू होंगे। सरकार ने OneWeb और Jio-SES को सैटकॉम परमिट जारी कर दिए हैं, जबकि Starlink को लेटर ऑफ इंटेंट दिया जा चुका है।