मुंबई: मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) में बीजेपी (BJP) की जीत (Victory) से महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के हौसले बुलंद हैं। बीजेपी की अगुवाई में बने इस गठबंधन में शामिल सीएम एकनाथ शिंदे गुट और डिप्टी सीएम अजित पवार का गुट भी इस जीत से गदगद है। उन्हें लग रहा है कि जिस तरह इन तीन राज्यों में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की है। उसका इम्पैक्ट अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के अलावा विधानसभा चुनाव में भी होगा और पीएम नरेंद्र मोदी के मैजिक के सहारे उनकी नैया भी पार लग जाएगी।
सही समय पर बदल लिया पाला शिंदे और अजित गुट को लग रहा है कि जिस तरह इन चुनावों में कांग्रेस की हार हुई है। उसको देखते हुए इन दोनों गुटों ने सही समय पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई में बनी महाविकास आघाडी गठबंधन का साथ छोड़ कर बीजेपी के साथ महायुति गठबंधन में शामिल हो गए है। वरना आने वाले चुनाव में उनका हाल भी ख़राब होने वाला था। यही वजह है कि बीजेपी की इस जीत से शिंदे और अजित गुट के नेता भी बढ़-चढ़ कर बयान दे रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि बीजेपी के साथ सरकार में शामिल होने का फैसला उनके लिए फायदे का सौदा साबित होगा।
महाविकास आघाडी की मुश्किलें बढ़ी तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब यदि आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महायुति को पटखनी देनी है तो आघाडी के किंग मेकर शरद पवार को अपने नए प्लान पर काम करना होगा। साथ ही पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को भी अपना कैडर मजबूत करना होगा। क्योंकि कांग्रेस के सहारे महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना आसान नहीं होगा। ऐसे में अब आघाडी के अंदर पवार और ठाकरे की भूमिका काफी अहम गई है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता मायूस विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार से महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता मायूस हैं। उन्हें लग रहा था कि इन चुनावों में पार्टी को सफ़लता मिलती है तो वे इसे राज्य के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कैश करेंगे। लेकिन अब उन्हें भी मोदी मैजिक का डर सताने लगा है। साथ ही आघाडी के अंदर भी उनकी ताकत कमज़ोर हो गई है।
आघाडी में मच सकती है भगदड़ बीजेपी की इस शानदार जीत के बाद महाविकास आघाडी में भगदड़ मच सकती है। कई नेता सेफ सीट की तलाश में महायुति का रुख कर सकते हैं। ऐसे में आघाडी को एकजुट रखने की बड़ी चुनौती भी शरद पवार और उद्धव ठाकरे के अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के सामने आ गई है। राज्य में सत्ता खोने के बाद महाविकास आघाडी के नेताओं का जोश पहले से डाउन है। ऐसे में अब तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार से उन्हें बड़ा झटका लगा है। ऐसे में अब तीनों दलों के नेताओं को मोदी मैजिक का तोड़ निकालने के लिए नए सिरे से काम करना होगा।
Victory of bjp in three states is a big blow to congress