तिलक वर्मा (फोटो-सोशल मीडिया)
Indian Dressing Room Medal Ceremony Scene: एशिया कप के सुपर-4 मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेटों से हराया। इस जीत के साथ भारत ने सुपर-4 राउंड में जीत के साथ शुरुआत की है। भारतीय टीम ने इस जीत से अपना स्थिति मजबूत कर ली है। भारतीय ड्रेसिंग रूम का माहौल आत्मविश्वास से भरा हुआ दिख रहा है।
मैच के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में इम्पैक्ट प्लेयर अवॉर्ड की घोषणा की गई। यह पुरस्कार टीम के अंदरूनी तौर पर उन खिलाड़ियों को दिया जाता है, जिन्होंने प्लेयर ऑफ द मैच नहीं जीता लेकिन टीम की जीत में अहम योगदान दिया।
इस बार यह सम्मान युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा को मिला, जिन्होंने 19 गेंदों पर शानदार 30 रन की नाबाद पारी खेली। उन्होंने 13वें से 18वें ओवर के बीच दबाव की स्थिति में पाकिस्तान के स्पिनरों के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी कर भारत को लक्ष्य तक पहुंचाया। पुरस्कार लेते समय तिलक वर्मा काफी भावुक दिखे और मजाक में टीम स्टाफ राघविंद्र ‘रघु’ द्विगी के पैर छूने लगे, जिस पर टीम के सभी खिलाड़ी उत्सुक हो गए और चियर करने लगे।
A motivational speech 💬
An 'Impactful' finish 🔥 A summary of #TeamIndia's dominating start to the #Super4 with an inspiring presentation of '𝐈𝐦𝐩𝐚𝐜𝐭 𝐏𝐥𝐚𝐲𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐌𝐚𝐭𝐜𝐡' medal 🥇#AsiaCup2025 — BCCI (@BCCI) September 22, 2025
तिलक ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। पिछली दो बार मैं मैच फिनिश नहीं कर सका था, लेकिन आज मौका मिला और मैंने टीम के लिए किया। जैसा गौति सर ने कहा, हम वर्ल्ड कप तक सीखते रहेंगे और आगे बढ़ते रहेंगे। तिलक वर्मा से पहले इस टूर्नामेंट में यह पुरस्कार हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल और शिवम दुबे ने जीता है। भारत फाइनल में पहुंचने के लिए सुपर 4 चरण में बांग्लादेश और श्रीलंका से खेलेगा।
“सभी को राम राम,” रघु ने नम्रता से कहा। इसके बाद उन्होंने एक प्रेरणादायक संदेश देते हुए कहा कि प्रतिभा ईश्वर प्रदत्त होती है, इसलिए हमें सदैव विनम्र रहना चाहिए। प्रसिद्धि समाज और लोगों की देन है, अतः उसके लिए कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए। एकाग्रता हमारी स्वयं की देन है, इसलिए उसके प्रति बेहद सावधान रहना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रेरणा क्षणिक होती है, लेकिन अनुशासन ही वह स्थायी गुण है जो किसी भी खिलाड़ी को लंबी सफलता की राह पर टिकाए रखता है।
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इस खेल में कोई भी पूर्ण नहीं होता। हर दिन कुछ न कुछ सीखने और आगे बढ़ने की आवश्यकता होती है। रघु ने यह भावपूर्ण बात भी जोड़ी कि अंततः हर प्रकार की प्रसिद्धि ईश्वर तक ही पहुँचती है, और ईश्वर महान हैं। उन्होंने बीसीसीआई के सभी सदस्यों, कर्मचारियों और देश के समस्त पूर्व क्रिकेटरों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और अंत में कहा कि सफलता कभी समाप्त नहीं होती और असफलता कभी अंतिम नहीं होती।