
झारखंड के खिलाड़ी और एमएस धोनी (फोटो- सोशल मीडिया)
Syed Mushtaq Ali Trophy 2025: ईशान किशन की अगुआई में झारखंड क्रिकेट टीम ने हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। यह झारखंड के घरेलू क्रिकेट इतिहास की पहली टी20 ट्रॉफी है, जिसने राज्य के क्रिकेट को नई पहचान दिलाई है। युवाओं से सजी इस टीम की शानदार जीत के बाद खिलाड़ियों से लेकर कप्तान तक, सभी की जमकर सराहना हुई।
हालांकि इस ऐतिहासिक सफलता के पीछे एक अहम नाम भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का भी रहा। झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी शाहबाज नदीम ने खुलासा किया है कि सीजन शुरू होने से पहले टीम चयन से लेकर कोचिंग स्टाफ की नियुक्ति तक, हर बड़े फैसले में एमएस धोनी की सलाह ली गई थी। धोनी ने न सिर्फ सुझाव दिए, बल्कि पूरी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी भी निभाई।
अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान विकेट के पीछे से मैच की दिशा बदलने वाले एमएस धोनी को रणनीति का मास्टरमाइंड माना जाता है। फील्ड सेटिंग हो या गेंदबाजों को सटीक सलाह देना, धोनी हर पहलू में माहिर रहे हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी उनका क्रिकेटिंग माइंड पूरी तरह सक्रिय है, जिसका असर अब घरेलू क्रिकेट में साफ नजर आ रहा है।
ईशान किशन की कप्तानी में झारखंड ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में हरियाणा को 69 रनों से हराया। इस जीत में टीम के सामूहिक प्रदर्शन के साथ-साथ रणनीति की भी अहम भूमिका रही। कुमार कुशाग्र जैसे युवा खिलाड़ियों ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम को चैंपियन बनाने में बड़ा योगदान दिया।
शाहबाज नदीम के अनुसार, एमएस धोनी झारखंड के हर घरेलू खिलाड़ी के प्रदर्शन और आंकड़ों पर पैनी नजर रखते हैं। उन्होंने बताया कि सीजन की शुरुआत में हेड कोच रतन कुमार और गेंदबाजी कोच सनी गुप्ता की नियुक्ति भी धोनी की सलाह पर ही की गई थी।
ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत में शाहबाज नदीम ने कहा, “सीजन की शुरुआत से ही हमने कोचिंग स्टाफ और खिलाड़ियों के चयन में धोनी भाई की सलाह ली। वह हर मैच को बारीकी से फॉलो करते हैं और झारखंड के हर खिलाड़ी की ताकत और कमजोरियों को अच्छी तरह जानते हैं। इतने बड़े खिलाड़ी का राज्य टीम के लिए इतनी रुचि लेना बेहद प्रेरणादायक है।”
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धोनी अगस्त 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन आईपीएल के जरिए अब भी मैदान पर नजर आते हैं। इसके साथ ही वह पर्दे के पीछे रहकर झारखंड क्रिकेट को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनकी सोच और मार्गदर्शन ने झारखंड को पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर चैंपियन बनने का सपना पूरा कराया है।






