मोहम्मद अजरुद्दीन अपने बेटे असदुद्दीन के साथ (फोटो-सोशल मीडिया)
हैदराबाद: भारत के पूर्व क्रिकेटर और मुरादाबाद से पूर्व सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन के बेटे असदुद्दीन ने अब राजनीति में कदम रख लिया है। हाल में अजहरुद्दीन के बेटे असदुद्दीन को तेलंगाना कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया है। इस नई भूमिका को लेकर असदुद्दीन ने कहा है कि वह राजनीति के माध्यम से जनता की सेवा करना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें अपने पिता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से प्रेरणा मिली है।
35 वर्षीय असदुद्दीन ने कभी हैदराबाद कोल्ट्स इलेवन और गोवा जैसी टीमों के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला था। अब वो राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं जनता के बीच रहकर उनकी सेवा करना चाहता हूं। अगर मेरे काम से लोगों की जिंदगी में कुछ सकारात्मक बदलाव आता है, तो मुझे बेहद संतोष मिलेगा।
अपनी नई जिम्मेदारी को असदुद्दीन ने एक महत्वपूर्ण अवसर बताया और कहा कि वह कांग्रेस की विचारधारा और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने राहुल गांधी की संघर्षशीलता और सामाजिक न्याय के लिए उनकी प्रतिबद्धता की भी सराहना की। राजनीति में अपने पिता अजहरुद्दीन को भी असदुद्दीन ने प्रेरणा का स्रोत बताया।
अजहरुद्दीन ने 2023 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में जुबली हिल्स सीट से किस्मत आजमाई थी, हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। जब असदुद्दीन से पूछा गया कि उन्होंने क्रिकेट को क्यों अलविदा कहा। तो उन्होंने बताया कि खिलाड़ी का करियर सीमित होता है। समय और परिस्थितियों की बड़ी भूमिका होती है। मुझे लगा कि क्रिकेट का मेरा अध्याय पूरा हो चुका है और अब मैं किसी नई दिशा में अपनी ऊर्जा लगाना चाहता हूं।
मोहम्मद असदुद्दीन का क्रिकेट करियर महज 11 दिनों तक ही चला था। वो केवल दो प्रथम श्रेणी मुकाबले ही खेल पाए। हालांकि असदुद्दीन एक सफल वकील है और उनके पास लाखों की संपत्ति है।
सानिया मिर्जा की बहन अनम मिर्जा के पति असदुद्दीन की नियुक्ति पर उनके पिता अजहरुद्दीन ने भी खुशी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि मैंने असद को लोगों के लिए काम करते देखा है। उनकी ईमानदारी, सेवा का जज़्बा और समर्पण सराहनीय है। मैं उम्मीद करता हूं कि वह इसी तरह जनता से जुड़े रहेंगे और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए मेहनत करेंगे।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने 9 जून को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 27 उपाध्यक्षों और 69 महासचिवों की नियुक्ति की थी, जो नए प्रदेश अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़ के कार्यभार संभालने के बाद से लंबित थी।