मोहम्मद अजरुद्दीन (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और धाकड़ बल्लेबाज मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम से हटा दिया गया है। नॉर्थ स्टैंड से मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम हटने के बाद पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि उन्हें क्रिकेट खेलने का पछतावा हो रहा है। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के लोकपाल द्वारा उप्पल में राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के नॉर्थ स्टैंड से उनका नाम हटाने के निर्देश दिया गया था।
अजहरुद्दीन के नाम नॉर्थ स्टैंड से हटाए जाने के बाद उन्होंने इसे दिल तोड़ने वाला और खेल के लिए पूरी तरह से अपमानजक बताया। उन्होंने बताया कि खेल की कोई जानकारी या समझ नहीं रखने वाले लोगों ने यह फैसला किया। नॉर्थ स्टैंड से उनका नाम हटाने के फैसले ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब (एलसीसी) ने याचिका दायर कर स्टैंड से अजहर का नाम हटाने की मांग की। लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी. ईश्वरैया ने यह फैसला सुनाया कि स्टैंड का नाम रखना नियमों के खिलाफ था और अब अजहर के नाम से कोई टिकट भी नहीं छपेगा।
सितंबर 2019 से सितंबर 2023 तक एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे अजहरुद्दीन ने आईएएनएस से कहा कि यह कहते हुए मुझे बहुत दुख होता है, लेकिन कभी-कभी मुझे क्रिकेट खेलने का पछतावा होता है। यह देखकर दुख होता है कि खेल के बारे में बहुत कम या बिल्कुल भी समझ न रखने वाले लोग अब सिखाने और नेतृत्व करने की स्थिति में हैं। यह खेल के लिए पूरी तरह से अपमान है।
अजहरुद्दीन ने साफ कहा है कि वो इस फैसले को नाइंसाफी मानते हैं और इसके खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई करने वाले हैं। उन्होंने बीसीसीआई से दखल देने और सही कदम उठाने की अपील की है। उनका कहना है कि ये सिर्फ उनका ही मामला नहीं है। सनराइजर्स हैदराबाद और एसोसिएशन के बीच पास को लेकर भी विवाद हुआ था, जिससे साफ पता चलता है कि अंदरूनी तौर पर बहुत गड़बड़ चल रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें एचसीए के चुनाव में हिस्सा लेने से इसलिए रोका गया, क्योंकि उन्होंने एसोसिएशन के अंदर के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया।
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दूसरी तरफ याचिका में आरोप लगाया गया है कि जब अजहरुद्दीन एचसीए के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने अपनी पोजिशन का गलत इस्तेमाल किया। आरोप के मुताबिक, दिसंबर 2019 में अध्यक्ष बनने के सिर्फ एक महीने बाद उन्होंने एक बैठक में नॉर्थ स्टैंड का नाम अपने नाम पर रखवाने का प्रस्ताव पास करवा दिया, जबकि पहले इसे वीवीएस लक्ष्मण पवेलियन कहा जाता था। हालांकि अजहरुद्दीन ने सभी आरोपों को इनकार कर दिया गया है। वहीं लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब ने लोकपाल के फैसले का स्वागत किया है।