
जसप्रीत बुमराह (फोटो-सोशल मीडिया)
Jasprit Bumrah Birthday: भारतीय टीम के महानतम तेज गेंदबाज की लिस्ट में शुमार जसप्रीत बुमराह आज 6 दिसंबर को 2025 को अपना 32वां जन्मदिन मना रहे हैं। जसप्रीत बुमराह ने अपने अलग एक्शन के साथ सटीक यॉर्कर और तेज रफ्तार से इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है। जसप्रीत बुमराह के निरंतर प्रदर्शन ने उन्हें सबसे खास बनाया है। उन्होंने कई ऐसे मौके पर विकेट निकालकर भारतीय टीम को जीत दिलाई है, जब विरोधी टीम मजबूत स्थिति में थी।
6 दिसंबर 1993 को अहमदाबाद में जन्मे जसप्रीत बुमराह ने बहुत कम उम्र में ही जीवन की कठिनाइयों का सामना किया। जब वे मात्र 7 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उनकी मां दलजीत कौर ने अकेले ही जसप्रीत और उनकी बहन की परवरिश की। बुमराह बचपन से ही क्रिकेट के प्रति बेहद जुनूनी थे।
घर में शोर न हो, इसलिए वे कमरे के भीतर ही दीवार और फर्श के जोड़ पर गेंद फेंककर अभ्यास किया करते थे। उसी अनोखे अभ्यास ने उनकी गेंदबाजी की नींव मजबूत की और उन्हें सटीक यॉर्कर डालने में महारत दी। उस समय वे पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम और वकार यूनुस से बेहद प्रेरित थे। इन्हीं प्रेरणाओं और अपने निरंतर अभ्यास की बदौलत जसप्रीत बुमराह दुनिया के सबसे घातक तेज गेंदबाजों में से एक बन सके।
साल 2013 जसप्रीत बुमराह के क्रिकेट करियर का अहम मोड़ साबित हुआ। इसी वर्ष उन्हें पहली बार आईपीएल में खेलने का मौका मिला। हालांकि अपने डेब्यू सीजन में वे केवल 2 मैच ही खेल पाए, लेकिन उन दो मुकाबलों में भी उन्होंने 3 विकेट लेकर अपनी खास पहचान बनानी शुरू कर दी। उसी वर्ष बुमराह ने फर्स्ट क्लास और लिस्ट-ए क्रिकेट में भी कदम रखा, जहां उनका प्रदर्शन बेहद प्रभावित करने वाला रहा। लगातार बेहतर होती गेंदबाजी ने उनके लिए अंतरराष्ट्रीय मंच के दरवाज़े खोल दिए।

करीब तीन साल बाद, जनवरी 2016 में बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी-20 दोनों फॉर्मेट में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया। तेज रफ्तार और सटीक यॉर्कर से उन्होंने पहली ही सीरीज में कंगारू बल्लेबाजों को काफी परेशान किया। अपने डेब्यू वनडे में बुमराह ने 40 रन देकर 2 विकेट लिए, जबकि टी-20 की शुरुआत 3.3 ओवर में 23 रन देकर 3 विकेटों के शानदार प्रदर्शन के साथ की।
जसप्रीत बुमराह ने अपनी बेहतरीन लाइन-लेंथ, धारदार यॉर्कर और निरंतरता के दम पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी कठिन परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन किया है। 2024-25 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने सिर्फ 5 टेस्ट मुकाबलों में 13.06 की अविश्वसनीय औसत से 32 विकेट चटकाए। इस शानदार प्रदर्शन के साथ उन्होंने बिशन सिंह बेदी (31 विकेट) और कपिल देव (25 विकेट) जैसे दिग्गज भारतीय गेंदबाजों के एक सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया।
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टेस्ट क्रिकेट में बुमराह ने अपनी अलग पहचान बना ली है। वे सबसे कम मैचों में 200 टेस्ट विकेट लेने वाले भारतीय तेज गेंदबाज बन चुके हैं। भारतीय खिलाड़ियों में उनसे आगे सिर्फ दो स्पिनर रवींद्र जडेजा (44 मैच) और रविचंद्रन अश्विन (37 मैच) ही हैं। अब तक बुमराह 52 टेस्ट मुकाबले खेल चुके हैं और 19.79 की शानदार औसत के साथ 234 विकेट ले चुके हैं। उनकी गेंदबाजी की धार का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 16 बार पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया है।

यदि दिग्गज कपिल देव से तुलना करें, तो यह समझ आता है कि बुमराह कितनी तेज़ी से सफलता की सीढ़ियां चढ़े हैं। कपिल देव ने भारत के लिए 131 टेस्ट मैच खेले और 29.64 की औसत से 434 विकेट हासिल किए थे। बुमराह की उपलब्धियां, कम मैचों में इतने प्रभावशाली आंकड़े हासिल करना, उन्हें आधुनिक क्रिकेट के महानतम तेज गेंदबाजों की श्रेणी में मजबूती से खड़ा करती हैं।
जसप्रीत बुमराह सिर्फ टेस्ट में ही सभी फॉर्मेट में बेस्ट गेंदबाज है। वनडे क्रिकेट में जसप्रीत बुमराह ने 89 मुकाबले में 149 विकेट चटकाए हैं। वहीं अगर टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट की बात की जाए तो 80 मैचों में 99 विकेट ले चुके हैं। वो टी20 में भारत के लिए 100 विकेट लेने से महज 1 विकेट दूर हैं। भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में जसप्रीत बुमराह लगभग 500 विकेट ले चुके हैं।

जसप्रीत बुमराह ने सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि सीमित ओवरों के खेल में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। आधुनिक क्रिकेट की तेज रफ्तार, बदलती रणनीतियों और बल्लेबाज़ी के बढ़ते दबदबे के बीच बुमराह ने अपने कौशल को लगातार निखारते हुए बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं। डेथ ओवरों की सटीक यॉर्कर से लेकर पावरप्ले में घातक लाइन-लेंथ तक हर परिस्थिति में उन्होंने अपने खेल का स्तर शीर्ष पर बनाए रखा है।
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विभिन्न देशों की अलग-अलग पिचों, परिस्थितियों और चुनौतियों के बावजूद जिस निरंतरता से बुमराह ने प्रदर्शन किया है, उसने उन्हें आधुनिक युग के महानतम तेज़ गेंदबाजों में शुमार कर दिया है। यही नहीं, कई क्रिकेट विशेषज्ञ उन्हें मौजूदा दौर का सबसे बेहतरीन भारतीय पेसर मानते हैं। एक ऐसा गेंदबाज जिसने अपनी अनोखी एक्शन और अद्भुत नियंत्रण के दम पर दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों को बार-बार चकित किया है।






