चेतेश्वर पुजारा अपनी पत्नी के साथ (फोटो-सोशल मीडिया)
भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे हैं। चेतेश्वर पुजारा पिछले कुछ समय में सिर्फ घरेलू क्रिकेट ही खेलते नजर आए हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी टीम के लिए शानदार बल्लेबाजी की है। उसके बाद भी उनकी वापसी भारतीय टीम में नहीं हो सकी।
पुजारा की पत्नी पूजा पूजारा ने एक किताब लिखी है। पूजा के इस खिताब का नाम द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर वाइफ लिखी है। इसमें उन्होंने पूजारा के करियर और टीम इंडिया से उनके बाहर होने को लेकर अपने अनुभव को शेयर किया है। इसके अलावा उन्होंने अपनी पहली मुलाकात, लव मैरिज, चेतेश्वर के करियर के बुरे दौर और भारतीय क्रिकेट टीम की अंदरूनी कहानी के बारे में लिखा है।
हाल ही में चेतेश्वर पुजारा की पत्नी पूजा पुजारा ने अपनी किताब ‘The Diary of a Cricketer Wife’ को लेकर दैनिक भास्कर को एक इंटरव्यू दिया। इस बातचीत में उन्होंने उस बेहद भावनात्मक पल को साझा किया जब चेतेश्वर पुजारा को पहली बार टीम इंडिया से बाहर किया गया था और वह भी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर।
पूजा ने बताया कि मेरे लिए वह पल बेहद दर्दनाक था। जबसे चेतेश्वर ने भारत के लिए डेब्यू किया, टीम में कई खिलाड़ी आए और गए, लेकिन चेतेश्वर कभी ड्रॉप नहीं हुए थे। पुजारा को उनके संयम और तकनीक की वजह से भारतीय टीम की “टेस्ट दीवार” कहा जाता है। लेकिन उस एक दिन ने सब कुछ बदल दिया।
उन्होंने आगे कहा कि हम उस समय सिडनी में थे। जब मुझे पता चला कि चेतेश्वर आज प्लेइंग इलेवन में नहीं हैं, तो मेरा दिल टूट गया। मुझे इतना बुरा लगा कि स्टेडियम में जाने का बिल्कुल मन नहीं हुआ। पूजा बताती हैं कि सिडनी का क्रिकेट स्टेडियम देखना हर क्रिकेट प्रेमी का सपना होता है, लेकिन उस दिन उनके लिए यह मायने नहीं रखता था। मेरी आंखों में आंसू थे, लेकिन चेतेश्वर बिल्कुल नॉर्मल थे। वो शांत थे, जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
पूजा ने कहा कि चेतेश्वर पुजारा न सिर्फ एक अनुशासित खिलाड़ी हैं, बल्कि बेहद निजी और पेशेवर व्यक्ति भी हैं। उन्होंने कभी भी क्रिकेट के ड्रेसिंग रूम की बातें घर तक नहीं आने दीं। मैं अक्सर पूछती थी कि ड्रेसिंग रूम में क्या चल रहा है, कौन क्या कह रहा है, लेकिन चेतेश्वर कभी कुछ नहीं बताते थे। उन्होंने साफ कह दिया था ‘इन बातों को मैदान पर ही रहना चाहिए, घर पर नहीं।
उन्होंने यह भी बताया कि पुजारा का फोकस हमेशा सिर्फ खेल पर रहा है चाहे हालात अच्छे हों या चुनौतीपूर्ण। उन्होंने कई देशों की यात्रा की है, लेकिन उन्होंने कभी टूर को घूमने या मौज-मस्ती के लिए नहीं लिया। उनके लिए टूर का मतलब सिर्फ दो जगहों से था – होटल और स्टेडियम।