विराट कोहली और बाबर आजम (सौजन्यः सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क, नवभारत: क्रिकेट प्रेमियों के लिए खुशखबरी है कि एफ्रो-एशिया कप फिर से शुरू हो सकता है। अफ्रीका क्रिकेट एसोसिएशन (एसीए) ने पिछले शनिवार को अपनी वार्षिक बैठक की, जिसमें 6 लोगों की एक अंतरिम समिति बनाई गई, जो एशियाई और अफ्रीकी क्रिकेटरों को अधिक अवसर प्रदान करने के लिए कदम उठाएगी। यह समिति दूसरे देशों के क्रिकेट संघों से संपर्क कर विभिन्न महाद्वीपों के बीच क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित करने पर जोर देगी। एफ्रो-एशिया कप भी उनमें से एक हो सकता है।
एफ्रो-एशिया कप में एशिया XI और अफ्रीका XI की टीमें आमने-सामने होती हैं। यह टूर्नामेंट पहली बार 2005 में खेला गया था, जिसकी मेजबानी दक्षिण अफ्रीका ने की थी, जबकि 2007 में इसकी मेजबानी भारत ने की थी। इसका तीसरा संस्करण वर्ष 2009 में केन्या में होना था, लेकिन उस वर्ष एफ्रो-एशिया कप नहीं खेला जा सका। यह टूर्नामेंट इसलिए भी खास हो सकता है क्योंकि इसमें भारतीय और पाकिस्तानी खिलाड़ी एक साथ खेलते नजर आ सकते हैं, जिनके बीच पिछले डेढ़ दशक से कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली गई है।
यह भी पढ़ें- ICC ODI Ranking: हरमनप्रीत कौर ने की टॉप-10 में एंट्री, मंधाना की पोजीशन बरकरार
ईएसपीएन क्रिकइन्फो के अनुसार, एसीए के अंतरिम चेयरमैन तवेंगा मुकुलानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि क्रिकेट में अधिक अवसरों के अलावा, एफ्रो-एशिया कप दोनों पक्षों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होगा। मुकुलानी ने कहा, “हमने एशिया क्रिकेट काउंसिल के अधिकारियों से बात की है और अफ्रीकी क्रिकेट संघों से भी संपर्क किया है। वे सभी एफ्रो-एशिया कप को फिर से शुरू करने के पक्ष में हैं।”
आपको याद दिला दें कि 2005 में तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर रही थी। उस समय वीरेंद्र सहवाग, शाहिद अफरीदी और सनथ जयसूर्या एक साथ खेलते नजर आए थे। 2007 में एशिया इलेवन ने अफ्रीका इलेवन को 3-0 से हराया था। इस बार शोएब अख्तर, एमएस धोनी, जहीर खान और मोहम्मद आसिफ जैसे दिग्गजों ने शो पर कब्जा कर लिया।
यह भी पढ़ें- पंजाब किंग्स ने किया रिलीज तो अर्शदीप सिंह ने की ये हरकत, अब कभी नहीं होगी प्रीति जिंटा की टीम में वापसी!