निशानेबाज: मत रखना कोई तनाव या टेंशन, लगातार लेते रहो मोटिवेशन
नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, हम सारी सुख-सुविधा के बावजूद कभी-कभी नर्वस महसूस करते हैं। हम चाहते हैं कि आप हमारा उत्साह बढ़ाएं ताकि हम जोश, कर्मठता और लगन के साथ अपना काम कुशलतापूर्वक कर सकें। हमें आपसे प्रेरणा, प्रोत्साहन, इंस्पिरेशन और मोटिवेशन की जरूरत है।’ हमने कहा, ‘आप मोटिवेशन की बात क्यों कह रहे हैं? आप पहले ही काफी मोटे-ताजे हैं फिर मोटिवेशन क्यों चाहिए, जिम में जाकर पतले होने की एक्सरसाइज कीजिए,’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, हम चाहते हैं कि आप हमें डिप्रेशन से बाहर निकालिए और मोटिवेशन देकर एनर्जेटिक बनाइए। क्या हम इसके लिए स्वेट मार्डेन, डेल कार्नेगी या शिव खेड़ा की किताबें पढ़ें?’
हमने कहा, ‘आपकी समस्या का इलाज किताबें नहीं हैं। आपका मूड स्विंग होता रहता है तो जाकर पार्क में झूला झूलिए। कुछ प्रेरणादायी फिल्मी गीत भी सुन सकते हैं। यदि गा सकते हों तो कराओके पर बैकग्राउंड म्यूजिक लगाकर गाइए- गम नहीं कर मुस्कुरा, जीने का ले ले मजा ! दूसरा गीत है- अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ए दिल जमाने के लिए, तीसरा गीत है- किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार, किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार, जीना इसी का नाम है!’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, हमें लगता है कि जिंदगी क्या है, गम का दरिया है। अखबार में एक्सीडेंट और भगदड़ में होने वाली मौत की खबर पढ़कर दिल गमगीन हो जाता है। किसी की असमय मौत नहीं होनी चाहिए। हर हादसा हमें हक्का-बक्का कर देता है।’ हमने कहा, ‘नकारात्मक विचार छोड़ दीजिए, हर सुबह आशा की किरण जीवन का नया संदेश और आत्मविश्वास लेकर आती है। बीती बातों को भूलकर आगे की सोच रखिए, पॉजिटिव थिंकिंग के साथ मानिए कि भविष्य में जो होगा, अच्छा होगा। अपना आत्मबल मजबूत रखकर कर्मयोग को अपनाइए, दोस्तों की दोस्ती पर भरोसा रखकर गाइए जब कोई बात बिगड़ जाए, जब कोई मुश्किल पड़ जाए, तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज!’
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा