
गहलोत ने कर दिया काम अपना, तेजस्वी, सहनी को दिखाया सपना (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, हमें कुछ कहावतें काफी रहस्यमय लगती हैं जैसे कि सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठा! बिहार में चुनाव हुआ ही नहीं लेकिन अभी से महागठबंधन में अगली सरकार के नेतृत्व को लेकर तनातनी शुरू हो गई थी। ऐसे समय कांग्रेस के संकटमोचक अशोक गहलोत ने पटना पहुंचकर मामला सुलझा दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे और मुकेश सहनी सहित 2 डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे।’
हमने कहा, ‘इतना ही काफी नहीं है। अभी से पूरे मंत्रिमंडल का गठन कर मंत्रियों के विभाग तय कर लेने चाहिए। उन्हें शपथ दिलाने का रिहर्सल भी कर लेना चाहिए ताकि बाद में उनकी जुबान न लड़खड़ाए।’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, नीतीश कुमार की जदयू, बीजेपी और लोजपा के चिराग पासवान का गठबंधन फिर से चुनाव जीता तो तेजस्वी के सपने टूट जाएंगे। सहनी को भी दुख सहना पड़ेगा। तेजस्वी को तो अपने बड़े भाई तेजप्रताप का भी विरोध बर्दाश्त करना पड़ रहा है। तेजस्वी चुनाव में यशस्वी होंगे, इसकी क्या गैरंटी है?’ हमने कहा, ‘सपने देखने में कौन सा हर्ज है! गहलोत खुद राजस्थान नहीं संभाल पाए। उनकी और सचिन पायलट की लड़ाई में प्रदेश हाथ से निकलकर बीजेपी के पास चला गया। अब गहलोत पटना में तेजस्वी और मुकेश सहनी के बीच सत्ता का बटवारा करने लगे जबकि अभी जनादेश मिला ही नहीं है। चूल्हा जलाए बगैर दाल-चावल की खिचड़ी चढ़ा दी।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, ऐसे लालीपॉप देने पड़ते हैं ताकि गठबंधन कायम रहे। वैसे ब्रिटेन में विपक्ष की शैडो कैबिनेट हमेशा तैयार रहती है कि सरकार गिरी तो विपक्ष का कौन नेता प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री, वित्तमंत्री बनेगा। वैसा ही अपने यहां भी होना चाहिए। शेखचिल्ली का सपना देखने में कौन सा नुकसान है! अशोक गहलोत इसी तरह की सलाह देकर अभी से 2029 के लिए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री और चाहें तो खुद को उपप्रधानमंत्री तय कर सकते हैं। एक शेर है- दिल को बहलाने के लिए गालिब खयाल अच्छा है!’
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हमने कहा, ‘सपने देखना बुरी बात नहीं है। जॉन एफ केनेडी ने कहा था- थिंक बिग, ड्रीम बिग एंड एक्ट बिग अर्थात बड़ी बात सोचो, बड़ा सपना देखो और बड़ा काम कर जाओ। यह बात अलग है कि कभी अरमानों का फुग्गा फूट जाता है और ऐसी नौबत आ जाती है कि आसमान से गिरे, खजूर पे लटके!’
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा






