
ऐसे करें मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत की पूजा (सौ.सोशल मीडिया)
Margashirsha Guruvar Vrat 2025 : आज गुरुवार, 27 नवंबर 2025 को मार्गशीर्ष माह का गुरुवार व्रत है। शास्त्रों के अनुसार, मार्गशीर्ष यानी अगहन मास में आने वाला गुरुवार का व्रत साक्षात् देवी महालक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख, शांति, समृद्धि और धन-धान्य का आगमन होता है।
सनातन धर्म में मार्गशीर्ष माह का गुरुवार व्रत विशेष महत्व रखता है। मार्गशीर्ष माह को भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में अपना स्वरूप बताया है यानी ‘मासानां मार्गशीर्षोऽहम्’ – अर्थात् महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं।
हिन्दू शास्त्रों में बताया जाता है कि, यह पूरा महीना आध्यात्मिक उन्नति और पुण्य प्राप्ति के लिए खास है, और गुरुवार का व्रत महालक्ष्मी की कृपा के लिए बहुत फलदायी है। धार्मिक मान्यतानुसार देवी महालक्ष्मी की पूजा सूर्योदय से पहले और दिन में कभी भी की जा सकती है, लेकिन सुबह का समय श्रेष्ठ माना जाता है।
आज आप पूरे दिन पूजा कर सकते हैं, लेकिन कुछ विशेष शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं-
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 05:05 बजे से 05:59 बजे तक- सुबह उठकर स्नान, ध्यान और पूजा की तैयारी के लिए यह सर्वश्रेष्ठ समय।
अभिजीत मुहूर्त- प्रातः 11:48 बजे से 12:30 बजे तक- किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी मुहूर्त।
अमृत काल- दोपहर 03:42 बजे से सायं 05:22 बजे तक- पूजा और व्रत कथा सुनने के लिए एक और उत्तम समय।
राहु काल- दोपहर 1:30 बजे से 03:00 बजे तक- इस अवधि में पूजा या कोई भी नया शुभ कार्य शुरू करने से बचना चाहिए।
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