कब बंद होने वाले हैं चार धाम बद्रीनाथ के कपाट (सौ.सोशल मीडिया)
Uttarakhand Char Dham Close Date: देवभूमि उत्तराखंड की चार धाम यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। हिन्दू धर्म ग्रथों में, चार धाम यात्रा को कलयुग के मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। चार धाम यात्रा को लेकर ऐसी मान्यता है कि हर सनातनी को जीवन में एक बार चार धाम यात्रा जरूर करनी चाहिए। इसके चमत्कारी परिणाम देखने को मिलते हैं।
चार धाम की यात्रा करने के लिए अभी कई लोगों की भीड़ उमड़ रही है। लेकिन अब इनके कपाट बंद होने की भी तिथि सामने आई है। चार धाम यानी बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट जल्द ही बंद होने वाले हैं।
विजयदशमी के दिन बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद का मुहूर्त निकाल लिया गया है। इससे पहले केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट बंद होने की तारीख की भी घोषणा हो चुकी है। अगर आप अक्टूबर में जाने का सोच रहे हैं तो पहले जान लें कब बंद हो रहे हैं चार धाम।
आपको बता दें, विजयादशमी के पावन अवसर पर पूजा-अर्चना के बाद पंडितों ने चमोली जिले के प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने का मुहूर्त निकाला है।
अधिकारियों के अनुसार, उत्तराखंड के ऊंचे गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित इस विश्वविख्यात तीर्थधाम के कपाट आने वाले 25 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे। यह प्रक्रिया दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर संपन्न होगी और धाम शीतकाल के लिए बंद हो जाएगा।
बताते चले, इस साल 2025 केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद कर दिए जाएंगे। वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट दीवाली के अगले दिन बंद होंगे। ऐसे में भक्तजन जो इन पवित्र स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं, वे कपाट बंद होने से पहले दर्शन कर सकते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, चार धाम का कपाट बंद किए जाने की मुख्य वजह चारों धाम उत्तराखंड के ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में स्थित हैं। यही कारण है कि यहां सर्दियों के दौरान भीषण ठंड और भारी बर्फबारी होती है।
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मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए हर साल अक्तूबर-नवंबर महीने में चारों धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद अगले वर्ष अप्रैल-मई माह में फिर से कपाट खोले जाते हैं। इस प्रकार चार धाम की यात्रा लगभग छह माह तक ही चलती है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।