कैलाश मानसरोवर का महत्व (सौ. सोशल मीडिया)
Kailash Mansarovar Yatra: कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत 30 जून से होने वाली है। इस धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने के लिए भक्तों ने रजिस्ट्रेशन करवाना शुरू कर दिया है। कैलाश पर्वत की यह खास यात्रा की शुरूआत 2020 के बाद अब हो रही है। वैसे तो हिंदू धर्म में हर तीर्थयात्रा का महत्व होता है। हिंदू धर्म के भक्त यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते है लेकिन आपको जानकारी नहीं होगी यहां पर अन्य धर्मों के लोग भी यात्रा करने के लिए पहुंचते है। बौद्ध, सिख, जैन धर्म में भी इस स्थान का विशेष महत्व है परंतु मान्यताएं अलग-अलग हैं। चलिए जानते है इन कैलाश मानसरोवर को लेकर इन धर्मों की मान्यता के बारे में।
1- जैन धर्म की मान्यता
कैलाश मानसरोवर का जैन धर्म में महत्व होता है जहां पर इस धर्म के भक्त भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा का लाभ लेते है। कहते हैं कि, जैन मान्यताओं में इसे आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र माना जाता है। जैन धर्म के लोग यहां पर कैलाश को अष्टपद पर्वत के नाम से भी पुकारते हैं। माना जाता है कि जैन धर्म के संस्थापक ऋषभ देव ने इसी स्थान पर तप किया था। यहां पर जन्म-मरण की मुक्ति के लिए जैन धर्म के लोग पहुंचते है।
2- बौद्ध धर्म में मान्यता
यहां पर कैलाश मानसरोवर यात्रा का बौद्ध धर्म में महत्व माना जाता है। कहते हैं कि, बौद्ध धर्म के लोगों के लिए यह स्थान आध्यत्मिक और आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। बौद्ध धर्म के लोग कैलाश को “ओम मणि पद्मे हूं” मंत्र का केंद्र मानते है।इस मंत्र को ज्ञान और करुणा का प्रतीक माना जाता है। बौद्ध धर्म के लोग इस स्थान पर आकर साधना करते हैं और पारलौकिक अनुभव प्राप्त करते हैं। वहीं पर माना जाता है कि, कैलाश बोधिसत्व का स्थान है।
3- सिख धर्म में मान्यता
कैलाश मानसरोवर यात्रा का सिख धर्म में अलग ही स्थान होता है। कैलाश पर्वत को बेहद पवित्र स्थान माना गया है। माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने भी कैलाश पर्वत की यात्रा की थी। कैलाश पर्वत आकर यहां की ऊर्जा से वो प्रभावित हुए थे और इस स्थान पर ध्यान लगाया था।
4- बॉन धर्म में कैलाश पर्वत का महत्व
यहां पर एक धर्म भी इस क्षेत्र में आता है जिसका नाम है बॉन धर्म। तिब्बत का प्राचीन बॉन धर्म कैलाश पर्वत को सबसे खास मानता है वहीं पर आध्यत्मिकता का केंद्र कहता है। माना जाता है कि यह धर्म तिब्बत में बौद्ध धर्म के आने से पहले था। बॉन धर्म में कैलाश को सिपाईमेन (आकाश की देवी) का निवास स्थान माना गया है।
इन धर्मों के अलावा भी अन्य धर्मों के लोग यहां पर यात्रा कर सकते है बस मन में आस्था होनी जरूरी है। वहीं पर कैलाश पर्वत से जुड़े रोचक तत्व जोड़ते है।