जितिया व्रत में इन बातों का रखें विशेष ध्यान (सौ.सोशल मीडिया)
Jitiya Vrat Niyam 2025: संतान की सुख-समृद्धि और लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत इस बार 14 सितंबर, रविवार को रखा जाएगा। आपको बता दें, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में यह व्रत पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस दिन खासकर हिन्दू माताएं अपनी संतानों की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान जीमूतवाहन की विधि-विधान से पूजा करने से संतान पर आने वाली हर विपदा टल जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान जीमूतवाहन स्वयं संतान की रक्षा करते हैं और उन्हें दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य तथा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। अगर आप भी इस साल पहली बार जितिया का व्रत करने जा रही हैं तो यहां बताए गए नियमों का खास ध्यान रखें। आइए जानते है इन नियमों के बारे में-
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जितिया व्रत पूर्ण होने के बाद दान का भी विशेष महत्व होता है। व्रत का पारण करने से पहले अनाज, वस्त्र और तिल जैसी वस्तुओं का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे व्रत का पुण्यफल कई गुना बढ़ जाता है और संतान के जीवन में सुख-शांति आती है।
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जितिया व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह माताओं के अपने बच्चों के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण का एक सच्चा प्रतीक है। इसलिए इस व्रत का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है।