
रक्षाबंधन के नियम (सौ.सोशल मीडिया)
भाई-बहन का त्योहार यानी ‘रक्षाबंधन’ (Raksha Bandhan 2024) जल्द आने वाला है, इस त्योहार का हर किसी को बेसब्री से इंतजार रहता है। खासकर बहनों को। जैसा कि, आप सभी को पता है कि यह त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार आने वाली 19 अगस्त 2024, सोमवार के दिन ‘रक्षाबंधन’ (Raksha Bandhan 2024) का त्योहार पूरे देश भर में मनाया जाएगा।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बहनें अपने भाई के हाथ में राखी बांधकर उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं, भाई भी बहन को उपहार देकर जीवन भर उसका साथ निभाने का वादा भी करता है।
रक्षाबंधन के साथ भाई हाथ में राखी बांधते समय उसमें 3 गांठे लगाई जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इन तीन गांठों का धार्मिक महत्व क्या है। आइए जानें राखी में तीन गांठ लगाने का कारण और इसका महत्व।
रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांधती है और राखी बांधते समय उसमें एक या दो नहीं बल्कि तीन गांठें लगाई जाती है। राखी में 3 गांठ लगाए बिना रक्षा सूत्र अधूरा माना जाता है। रक्षाबंधन के दिन राखी में 3 गांठ लगाने के पीछे भी एक महत्वपूर्ण वजह छिपी हुई है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राखी में तीन गांठ लगाना बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि इसका संबंध त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश से है। कहते हैं कि राखी बांधते समय पहली गांठ भाई की लंबी आयु के लिए होती है। जबकि दूसरी गांठ स्वयं की लंबी उम्र के लिए लगाते हैं। वहीं, तीसरी गांठ भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और मिठास लाने के लिए होती है। इसलिए राखी बांधते समय इस उसमें 3 गांठ जरूर लगाएं जिससे आपके और भाई के रिश्ते का प्यार और मिठास सदैव बनी रहे।
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सनातन धर्म में रक्षाबंधन का पर्व भाई -बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक माना गया है। इस दिन बहनें अपने भाई की आरती उतारकर, प्रेम के प्रतीक स्वरूप राखी बांधती हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करती हैं। साथ ही, भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में रक्षाबंधन का पर्व प्राचीन समय से मनाया जा रहा है।






